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Fri, Dec 19, 2025

मध्यप्रदेश पुलिस के e-Rakshak App को मिला FICCI स्मार्ट पुलिसिंग अवॉर्ड

Written by:Sushma Bhardwaj
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इस वर्ष इस पुरस्कार के लिए सम्पूर्ण भारत से 200 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे, जिनका गहन मूल्यांकन करने के पश्चात मध्यप्रदेश पुलिस के e-Rakshak App को इस प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए चयनित किया गया। जनता की सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए "MP e-Rakshak - The Smart Cop App" विकसित किया गया है।
मध्यप्रदेश पुलिस के e-Rakshak App को मिला FICCI स्मार्ट पुलिसिंग अवॉर्ड

BHOPAL NEWS : नई दिल्ली में 4 मार्च 2025 को आयोजित कार्यक्रम में मध्यप्रदेश पुलिस के अत्याधुनिक e-Rakshak App को प्रतिष्ठित FICCI स्मार्ट पुलिसिंग अवॉर्ड 2024 से सम्मानित किया गया। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) द्वारा पुलिसिंग में डिजिटल नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इस वर्ष इस पुरस्कार के लिए सम्पूर्ण भारत से 200 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे, जिनका गहन मूल्यांकन करने के पश्चात मध्यप्रदेश पुलिस के e-Rakshak App को इस प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए चयनित किया गया। इस अवसर पर जी.के. पिल्लई पूर्व गृह सचिव, भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस के चंचल शेखर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, भोपाल को इस अभिनव पहल के लिए FICCI स्मार्ट पुलिसिंग अवॉर्ड 2024 से सम्मानित किया गया। इस उपलब्धि पर मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना ने प्रसन्नता व्यक्त की और SCRB के समस्त अधिकारियों को बधाई दी।

e-Rakshak App: पुलिसिंग में डिजिटल क्रांति

जनता की सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए “MP e-Rakshak – The Smart Cop App” विकसित किया गया है। यह ऐप बीट स्तर पर कार्यरत पुलिसकर्मियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर उन्हें अपराधियों एवं संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान में मदद करता है। पहले पुलिसकर्मियों को अपराधियों की पहचान मुख्य रूप से व्यक्तिगत अनुभव और जान-पहचान के आधार पर करनी पड़ती थी, लेकिन अब इस ऐप के माध्यम से संपूर्ण मध्यप्रदेश के अपराधियों की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाती है। इससे संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की त्वरित वेरिफिकेशन संभव हो पाती है, जिससे अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है।

ऐप के प्रमुख फीचर्स

आदतन अपराधियों की जानकारीः पुलिसकर्मी अपने कार्यक्षेत्र में मौजूद अपराधियों की पूरी जानकारी ऐप के माध्यम से देख सकते हैं। गश्त के दौरान त्वरित पहचानः किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के नाम को अपराधियों के डेटाबेस में सर्च किया जा सकता है। Face Recognition Module: किसी भी आरोपी की फोटो अपलोड करने पर उससे मिलते-जुलते अपराधियों के रिकॉर्ड तत्काल प्राप्त किए जा सकते हैं। फोटो मिलान के बाद डेटा सुरक्षित रूप से हटा दिया जाता है। Vehicle Search: वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन नंबर या चेसिस नंबर से उसकी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह सुविधा RTO डेटाबेस से भी जुड़ी हुई है, जिससे चोरी या अपराध में शामिल वाहनों की त्वरित पहचान हो सके।

 

एप विकास में योगदान

इस महत्वपूर्ण तकनीकी नवाचार को विकसित करने में श्री हेमंत चौहान (उप पुलिस महानिरीक्षक, राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो), आर. एस. प्रजापति (सहायक पुलिस महानिरीक्षक), प्रांजलि शुक्ला (सहायक पुलिस महानिरीक्षक, सीसीटीएनएस), इंद्रा नामदेव (निरीक्षक, सीसीटीएनएस), हीरा सिंह ठाकुर (सहायक उपनिरीक्षक), सुरेंद्र रघुवंशी (सहायक उपनिरीक्षक) एवं अर्शदीप सिंह (प्रधान आरक्षक) का विशेष योगदान रहा। इस पुरस्कार से मध्यप्रदेश पुलिस को डिजिटल पुलिसिंग में अपनी भूमिका को और अधिक सशक्त करने की प्रेरणा मिलेगी, जिससे अपराध नियंत्रण और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।