MP में 1 से 30 मई तक होंगे ट्रांसफर, प्रतिबंध हटा, हर विभाग में पद संख्या के अनुसार रहेगा तबादलों का अनुपात

कैलाश विजयवर्गीय ने ने के कड़ा फैसला बताते हुए कहा कि सरकार ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहती लेकिन यदि कोई किसान नियमों का उल्लंघन कर पराली जलाता है तो उसकी एक साल की किसान सम्मान निधि रोक दी जाएगी और उसकी उपज MSP पर सरकार नहीं खरीदेगी ।

MP Mohan Cabinet Meeting 2025 :  मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के लिए के अच्छी खबर है, डॉ मोहन यादव के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी, बैठक में तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटाने का  फैसला लिया गया और निर्देश दिए गए कि 1 मई से 30 मई तक सभी तबादले कर लिए जाएँ , इसी के साथ तबादलों का प्रतिशत भी तय किया गया है।

मंत्रालय में आज मुख्यमंत्री  डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक की जानकारी मीडिया के साथ साझा की और सरकार के फैसलों की जानकारी दी।

बैन हटा, 1 से 30 मई तक होंगे ट्रांसफर 

मीडिया को जानकारी देते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि सरकार ने नई तबादला नीति की स्वीकृति दे दी है, अब प्रदेश के विभागों में 1 मई से 30 मई तक तबादलों की प्रक्रिया जारी रह सकेगी , 30 मई के बाद कोई भी तबादला नहीं हो सकेगा, इस आशय के निर्देश सभी मंत्रियों को दे दिए गए हैं।

इस अनुपात में हो सकेंगे विभागीय तबादले 

कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि बैठक में तबादलों से प्रतिबंध हटाने के साथ साथ मंत्रियों के आग्रह पर ट्रांसफर का अनुपात भी तय किया गया है, मुख्यमंत्री ने निर्देश पर तय किया गया है कि 200 तक पदों पर 20 प्रतिशत, 201 से 1000 तक 15 प्रतिशत, 1001 से 2000 तक 10 प्रतिशत और 2001 से अधिक पदों पर 5 प्रतिशत ट्रांसफर ही किये जा सकेंगे।

अब विभाग भी बना सकेंगे अपनी तबादला नीति, लेनी होगी मंजूरी 

विजयवर्गीय ने बताया कि स्वैछिक ट्रांसफर भी इसमें ही जोड़े जायेंगे यानि स्वैच्छिक ट्रांसफर में भी इसी अनुपात का ध्यान रखा जायेगा , उन्होंने बताया कि एक फैसला और लिया गया है वो ये है कि कोई भी विभाग अपनी तबादला नीति बना सकता है लेकिन उसे सामान्य प्रशासन विभाग से स्वीकृति लेनी होगी और फिर इसी अनुपात और इसी अवधि में तबादले कर सकता है।

 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News