भोपाल।शरद व्यास।
एक बार फिर अधिकारियों की मेहरबानी से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की जगह अनुकंपा नियुक्ति का मामला सामने आया है, वही प्रदेश में पटवारियों को भर्ती के लिए जिन पदों का विज्ञापन निकाला गया था। उसमें खाली रह गए कुछ पदों पर वेटिंग में रह चुके विद्यार्थियों के स्थान पर पटवारियों की अनुकंपा नियुक्ति होने से मामला गर्म हो गया है।
दरअसल प्रत्येक हल्के में एक पटवारी की नियुक्ति के लिए दिसम्बर 2017 में पटवारी के 9235 पदों के लिए परीक्षा ली गई थी 20 मार्च 2018 में इसके परिणाम आने के बाद 23 जून को पहली काउंसलिंग हुई इसमे कुल 7800 पदों को भरा गया जबकि 1435 पद खाली रहे ,इस दौरान कुछ समय बाद सामने आया कि 25 नियुक्ति अनुकंपा के आधारपर कर दी गई है।ओर ट्रेनिंग पर भेजा गया है
यदि नियमो की बात की जाए तो इन रिक्त पदों पर वेटिंग में आने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति होना चाहिए हालांकि इस पूरे मामले पर अधिकारियों का कहना है कि जो भी नियुक्ति हुई है वो पूर्ण नियमो का पालन के साथ हुई है जबकि राजस्व विभाग से रिटायर हुए अधिकारी भी इस बात से इतेफाक रखते है कि कैसे अनुकंपा नियुक्ति की जा सकती है जबकि वेटिंग अभ्यर्थी मौजूद है
पूरे मामले में अभ्यर्थियों के रोल नंबर की जगह अनुकंपा नियुक्ति का ज़िक्र किया गया जबकि इस तरह की एग्जाम में छात्रों के अनुक्रमांक लिखे जाते है ट्रेनिंग में गए 140 में से 25 के नाम के आगे यही लिखा गया था वही पटवारी परीक्षण का दूसरा सत्र शुरू करने के लिए 23 जनवरी 2020 को सूचना जारी की गई लेकिन विभाग के द्वारा सूची में उन 27 अभियर्थियों को भी शामिल किया गया जो पिछली काउन्सलिंग में नही आए थे जिसने बैकडोर एंट्री के साथ नियक्ति दी गई।
बहरहाल इस पूरे मामले पर अभ्यर्थियों को ठगा महसूस हो रहा है जिसके बाद वो इस मामले पर मुख्यमंत्री से जल्दी ही मुलाकात करने की योजना बना रहे है।