कोरोना संकटकाल में देशभर में चर्चा का विषय रही एमपी की सियासत में अब करीब तीन महिनों के बाद शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार होने जा रहा है।भोपाल से दिल्ली तक दौड़, हाईकमान की रजामंदी और शिवरा-सिंधिया खेमे को लेकर चले महामंथन में अमृत की तरह नामों की सूची बाहर आई है। इसमें सिंधिया कोटे के 12 और बीजेपी से करीब 17 मंत्री बनने जा रहे है।लिस्ट में कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया है वही दिग्गज को बाहर।lबस अब से कुछ ही देर बात सभी मंत्री गोपनीयता की शपथ लेंगे। प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सभी मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी।खास बात ये है कि शपथ लेने के बाद इसमें तुलसी सिलावट को उपमुख्यमंत्री बनने की भी चर्चा है, जिसके बाद सरकार पर सिंधिया का स्पष्ठ प्रभाव दिखने लगेगा अगर ऐसा रहा तो शिवराज के कुनबे में महाराज का दबदबा जबरदस्त तरीके से रहने वाला है, जिसके चलते कैबिनेट में महाराज का दखल भी बढ़ेगा जो की मुख्यमंत्री शिवराज के लिए हमेशा चुनौती बना रहेगा।
दरअसल, बीजेपी ने अधिकृत तौर पर मंत्री बनने वाले नामों की लिस्ट जारी कर दी है। इस कैबिनेट में 29 मंत्रियों के और शामिल होने जा रहे है, जिसमें बीजेपी के 17, सिंधिया समर्थक 9 तथा कांग्रेस छोड़कर आए अन्य 3 पूर्व विधायक शामिल है। इन मंत्रियों के शामिल होते ही कैबिनेट में 33 मिनिस्टर हो जाएंगे और फिर सिर्फ 1 पद खाली रहेगा ,चुंकी 5 पहले ही शपथ ले चुके है। अगर सिंधिया समर्थकों की बात करे तो तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह के बाद अब इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया और बिसाहूलाल सिंह मंत्री बनने जा रहे है। वही सिंधिया के साथ अपनी विधायकी छोड़ कमलनाथ सरकार का पतन कर बीजेपी मे शामिल हुए एंदल सिंह कंषाना, हरदीप सिंह डंग , राजयवर्धन दत्तीगांव और रणवीर जाटव का नाम भी मंत्रियों की लिस्ट में शामिल है।ऐसे में कुल सिंधिया के 14 खास इस मंत्रिमंडल मे शामिल होने हो जाएंगे। इसके अलावा बीजेपी कोटे से शिवराज की टीम में करीब 13 नए चेहरों को मौका मिलने जा रहा है। जिसमें शिवराज के कुछ ही चहेतों ही शामिल है, ऐसे में हर वक्त शिवराज पर महाराज भारी पड़ते नजर आएंगे।
वही दूसरी मुख्य बात ये रहेगी मप्र के इतिहास में पहली बार देश में सबसे बड़ी पार्टी कही जानी वाली बीजेपी राज्य में विपरीत ध्रुवों पर कार्य करने वालों के साथ सरकार चलाएगी। वही अबतक संगठन और अनुशासन के लिए पहचानी जाने वाली बीजेपी कांग्रेस की संस्कृति वाले लोगों से जुड़ेगी और एक नए उदाहरण को सबके सामने पेश करेगी। हालांकि यह आसान नही होगा क्योंकि सिंधिया और उनके समर्थकों, विपरित धुर्वों से आए नेताओं को साधना और निदर्लीयों को साथ लेकर चलना मुख्यमंत्री शिवराज और बीजेपी दोनों के लिए बड़ी चुनौती होगी। दोनों की विचारधाराएं भविष्य में बार बार एक दूसरे से टकराएंगी।खैर आने वाला समय कैसा रहेगा , मध्यप्रदेश की राजनीति और महाराज की शिवराज से जुगलबंदी और एमपी की सत्ता की कुर्सी किस ओर मोड लेती है यह देखना दिलचस्प होगा।
उपचुनाव में अपने बनेंगे बीजेपी के लिए चुनौती
विस्तार के बाद जहां शिवराज मंत्रिमंडल में महाराज का दबदबा रहेगा वही बीजेपी विधायकों की चुनौती भी बनी रहेंगे। खास करके आने वाले उपचुनाव से पहले बीजेपी में अतंर्कलहर और असंतोष बढ़ेगा, चुंकी सिंधिया और उनके समर्थकों के आने से बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं की पूछपरख में भी फर्क आएगा, खास करके मंत्री बनने की आस लिए बैठे नेताओं की नाराजगी पार्टी के लिए भारी पड़ेगी। अलग विचार धाराओं के कारण बार बार टकराव देखने को मिलेगा।इसका उदाहरण हाल ही में राज्यसभा चुनाव में हुई बीजेपी की तरफ से क्रास वोटिंग के दौरान देखने को मिली थी। वही विपक्ष में बैठी कांग्रेस खुद इस बात का दावा कर चुकी है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पूरी फिल्म देखने को मिलेगी ये तो सिर्फ ट्रेलर है, हालांकि बीजेपी डेमेज कंट्रोल की पूरी तैयारी में है,क्योंकि उपचुनाव ही तय करेंगे कि बीजेपी की सरकार रहेगी या नही। अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे कि सियासत किस करवट लेती है।
विस्तार के बाद चलेगा बैठकों का दौर
खबर मिल रही है कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया 22 पूर्व विधायकों से चर्चा करेंगे ।मुख्यमंत्री आवास में चलने वाली छह घंटे लंबी इस बैठक में प्रत्येक पूर्व विधायक के साथ 15-15 मिनट की अलग-अलग बैठक होगी। इसमें उनके क्षेत्र से जुड़े विकास कार्यों को लेकर प्राथमिकताएं तय की जाएंगी। वही सिंधिया बीजेपी कार्यालय भी जा सकते है।
शिवराज सरकार के विस्तार में आज मंत्री पद की शपथ लेंगे..