स्व सहायता समूह की एक एक बहन की आमदनी कम से कम 10 हजार रूपए महीना हो : सीएम शिवराज

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट | इस वक़्त मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया एक ओर वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश की विभिन्न प्रशासनिक गतिविधियों को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं वहीँ दूसरी ओर जनता के बीच जाकर जनता से संवाद कर विभिन्न योजनाओं के अनुपालन और उनसे हो रहे फायदों की जानकारी भी ले रहे हैं | इसके अलावा मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान की शुरुवात की है | इस अभियान के चलते सरकार सभी पात्र हितग्राहियों के लिए यह बात सुनिश्चित करेगी की उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले |

आपको बता दें इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश में जगह जगह पंचायतों में शिविर लगाकर सभी पात्र हितग्राहियों को जनहितकारी योजनाओ का लाभ पहुचाया जाएगा और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाये बिना उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा | सीएम ने कहा अब हितग्राहियों की इस अभियान के चलते सरकारी दफ्तरों में भटकना नहीं पड़ेगा बल्कि सरकारी अधिकारी और अफसर गाँव में जाकर उनकी समस्या का समाधान और निराकरण करेंगे | सभी पात्र हितग्राहियों के नाम इस अभियान में जोड़े जाएँगे जिसके बाद सरकार खुद उनके घर आकर उनकी परेशानी सुनेगी |

अभियान के उद्घाटन के दौरान जब वहाँ उपस्थित महिला से शिवराज ने पुछा कि स्वयं सहायता समूह का काम कैसे चल रहा है , तब उस महिला का कहना था कि उसे समूह से जुड़कर आर्थिक तौर पर काफी लाभ पहुंचा है | समूह की महिलाएं अलग अलग प्रकार के व्यवसाय कर रही हैं और उन्हें बिना किसी परेशानी के पैसा मिल जाता है | यह बात सुनकर शिवराज ने महिलाओं की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आप सभी को अपने काम से कम से कम महीने के 10 हज़ार रूपए की आमदनी तो करना ही है और बहुत जल्द महनत कर लखपति भी बनना है | आखिर में शिवराज ने वहां मौजूद सभी महिलाओं से कहा की तुम्हें किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है “शिवराज तुम्हारा भाई है”|


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।