भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग वर्तमान शिक्षा प्रणाली को बदलने की कवायद कर रहा है। इसके लिए विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च कर अधिकारियों को शिक्षा प्रणाली का अध्यक्ष करने के लिए दक्षिण कोरिया भेजा है। खास बात यह है कि अध्ययन पर गए शिक्षा मंत्री से लेकर अधिकारी अपने साथ परिजनों को भी ले गए। हालांकि परिजनों का खर्चा अधिकारियों ने खुद उठाया। लेकिन विभाग की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मंत्री एवं अधिकारी विदेश में शिक्षा प्रणाली सीखने गए थे, या फिर परिवार के साथ घूमने गए थे।
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी अपने दो बच्चों को इस सरकारी दौरे पर साथ ले गए और अब राज्य शिक्षा केंद्र के अपर मिशन संचालक रोहित सिंह दो दिन पहले ही पत्नी के साथ दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गए। मंत्री और अधिकारियों की इस ट्रिप को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री को एक शिकायत भी की गई है। हालांकि, मंत्री और अधिकारी परिजनों को अपने खर्चे पर ले गए हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि स्टडी टूर में परिवार के सदस्यों का क्या काम है। विभाग के मंत्री प्रभूराम चौधरी ने बताया कि सरकारी दौरे पर कोई भी परिवार को निजी खर्चे पर साथ ले जा सकता है। अगर किसी के बच्चे गए हैं तो वे निजी खर्चे पर गए हैं। किसी को निजी खर्चे पर जाने से नहीं रोक सकते हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट ने की शिकायत
इससे पहले विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी भी पिछले दिनों दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गई थीं। वे भी अपनी बेटी को साथ ले गई थीं। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यपाल लालजी टंडन को ईमेल कर शिकायत की है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि 1 से 5 सितंबर तक की दक्षिण कोरिया की यात्रा में मंत्री और पीएस ने अपने परिजन और बच्चों को साथ लेकर गए थे। इस बात को प्रदेश सरकार से छुपाया गया है।