Sat, Dec 27, 2025

मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया सीपीपीपी विंग का शुभारंभ-सहकारी समितियों, किसानों और निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने का करेगा काम

Written by:Sushma Bhardwaj
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मध्यप्रदेश का सीपीपीपी मॉडल पूरे देश में एक अनुकरणीय पहल के रूप में उभर कर सामने आया है। यह मॉडल सहकारी संस्थाओं, किसानों और निजी निवेशकों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया सीपीपीपी विंग का शुभारंभ-सहकारी समितियों, किसानों और निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने का करेगा काम

सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मंगलवार को विंध्याचल भवन स्थित सहकारिता आयुक्त कार्यालय में ‘सीपीपीपी निवेश प्रोत्साहन विंग’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था में सहकारिता का अहम योगदान है। मध्यप्रदेश के सीपीपीपी मॉडल को पूरे देश में सराहना मिली है। इस मॉडल के माध्यम से संपूर्ण सहकारिता जगत में नई क्रांति आयेगी। उन्होंने कहा कि सीपीपीपी विंग सहकारी समितियों, किसानों और निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने हेतु कार्य करेगा। साथ ही निवेश से जुड़ी अनुमतियों, प्रक्रियाओं और मार्गदर्शन के लिए एकीकृत मंच प्रदान करेगा। जिससे सहकारी बैंकों, समितियों, किसानों और निजी उद्यमियों के बीच एमओयू की प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा।

विकसित भारत 2047 में सहकारिता की अहम भूमिका

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में सहकारिता क्षेत्र की अहम भूमिका है। गांवों की आर्थिक प्रगति के बिना विकसित भारत की कल्पना अधूरी है। ‘सहकार से समृद्धि’ की परिकल्पना को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में साकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का सीपीपीपी मॉडल पूरे देश में एक अनुकरणीय पहल के रूप में उभर कर सामने आया है। यह मॉडल सहकारी संस्थाओं, किसानों और निजी निवेशकों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मध्यप्रदेश का सीपीपीपी मॉडल सहकारिता क्षेत्र में लाएगा नई क्रांति

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सहकारी संस्थाओं की उपयोगिता को देखते हुए ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में “सहकारी सार्वजनिक निजी भागीदारी” CPPP की अवधारणा की सोच को क्रियान्वित किया गया। जिसके तहत रिलायंस, वैद्यनाथ, मैजेस्टिक बासमती राइस बड़ी कंपनियों के साथ लगभग 2305 करोड़ के 19 एमओयू सहकारी संस्थाओं के साथ निष्पादित किये गये। उन्होंने कहा कि सीपीपीपी मॉडल किसान, पैक्स और निवेशकों के हित में हैं। इससे किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। पैक्स की आर्थिक गतिविधियों में विविधता और विस्तार आएगा। निजी निवेशकों को गुणवत्ता युक्त कच्चा माल स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकेगा।

सीपीपीपी मॉडल को अपनायेगी केंद्र सरकार

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश के सीपीपीपी मॉडल की प्रशंसा केंद्र सरकार द्वारा भी की गई है, और यह संभावना जताई जा रही है कि भविष्य में इसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा सकता है। यह मॉडल सहकारिता जगत में नई क्रांति का आगाज करेगा। उन्होंने कहा कि सीपीपीपी मॉडल से सहकारी संस्थाओं की आय में वृद्धि होगी, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कच्चे माल (सामग्री) सहकारी संस्थाओं के माध्यम से निजी संगठनों को उपलब्ध करवाया जा सकेगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।