नई दिल्ली| लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार किसानों को बड़ी सौगात देने जा रही है| तीन राज्यों में कर्जमाफी की काट न ला पाना भाजपा को भारी पड़ा है, जिसके चलते भाजपा शासित तीन राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही| कांग्रेस की सरकारों द्वारा कर्जमाफी और विपक्ष के दबाव के बीच केंद्र सरकार जल्द ही किसानों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है| खेती के लिए हर सीजन में किसानों को चार हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आर्थिक मदद दी जायेगी, यह पैसा सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाएगा| इसके साथ ही सरकार किसानों को एक लाख तक ब्याजमुक्त लोन देगी|
पिछले महीने केंद्र सरकार देश के किसानों को राहत देने पर विचार करने वाली खबरें आई थी । सरकार सही समय पर कर्ज भुगतान करने वाले किसानों की ब्याज माफ कर सकती है। इसके लिए सरकार लगातार उच्चस्तरीय बैठकें कर रही हैं। अगर ऐसा होता है तो ये किसानों के लिए बड़ी राहत होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस योजना का एलान इसी हफ्ते में किया जा सकता है| इसके लिए तेलंगाना की योजनाओं का परिक्षण भी किया जा रहा है| मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार पर इसका भार सालाना करीब 2.30 लाख करोड़ पड़ेगा| इसमें 70 हजार करोड़ की खाद सब्सिडी समेत अन्य छोटी स्कीमों को भी शामिल किया जा सकता है|
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसानों को खुश करने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले सरकार किसानों को फसल के लिए 4,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सीधे उनके बैंक खातों आर्थिक मदद भेजेगी| इसके अलावा ब्याजमुक्त फसल लोन की सीमा को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख रुपए तक प्रति किसान कर दिया जाएगा| अभी तक 4 फीसदी ब्याज दर की सब्सिडी दर पर किसानों को फसल ऋण मिलता था| इस योजना के तहत, बैंक 1 लाख रुपये तक के ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेंगे|
दरअसल तीन राज्यों में हार के बाद मोदी सरकार किसानों को लेकर ज्यादा चिंतित दिख रही है। लगातार किसानों के लिए की योजनाएं लाने पर विचार कर रही है। साथ ही मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है। 2018 में सरकार ने किसानों को रबी फसल पर एमएसपी बढ़ा दी थी। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के इस फैसले को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ-साथ नीति आयोग में त्वरित बैठकें बुलाई गई हैं| माना जा रहा है कि इस फैसले का ऐलान इसी हफ्ते हो सकता है| इस कड़ी में राजस्व, व्यय, रसायन और उर्वरक, फूड समेत नोडल मंत्रालयों के अधिकारियों को अनौपचारिक रूप से मीटिंग करने को कहा गया है| इस फैसले के ऐलान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी खुद किसान नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं|