भोपाल।
कोरोना संकटकाल () के बीच देशभर में मानसून की आहट सुनाई देने लगी है।मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में प्री-मानसून एक्टिविट शुरु हो गई है। हालांकि चिलमिलाती धूप से राहत और बरसात के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। भारत के मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार को कहा कि इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में चार दिन की देरी हो सकती है, ऐसे में 5 जून तक दक्षिणी राज्य में पहुंचने की उम्मीद है।वही एमपी में 25 जून तक मानसून की एंट्री हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इस वर्ष केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत 1 जून की सामान्य तारीख की तुलना में थोड़ी देर से होने की संभावना है। , ± 4 की मॉडल त्रुटि के साथ केरल में इस वर्ष मानसून की शुरुआत 5 जून को होने की संभावना है।पिछले साल मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि केरल में मानसून 6 जून तक आएगा। मानसून 2 दिनों बाद 8 जून को केरल पहुंच गया था। वहीं, 2018 में तो मौसम विभाग ने जिस तारीख 29 मई को मानसून के केरल पहुंचने का अनुमान लगाया था, उसकी दिन पहुंचा। इसलिए इस बार भी मानसून के 5 जून के आसपास पहुंचने की पूरी संभावना है।
वही विभाग के अनुसार, 20 मई तक मॉनसून राजधानी भोपाल पहुंच सकता है। इस साल मॉनसून के सामान्य रहने के आसार है। इस बार मानसून 3 अक्टूबर तक रहने की संभावना जताई गई है। 20 मई तक मॉनसून मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंच सकता है।वही 28 से 30 जून के बीच ग्वालियर चंबल संभाग में मानसून आने की संभावना जताई है। हालांकि मौसम विभाग ने मानसून चक्र की तारीखों में बदलाव किया है। नई तारीख के अनुसार भी ग्वालियर में चार दिन देर से मानसून आने की संभावना है।
आमतौर पर केरल में हर साल मानसून एक जून को आता है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के कारण अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में मानसून अपनी सामान्य तारीख 22 मई से 6 दिन पहले 16 मई तक आ सकता है।पिछले वर्ष अंडमान-निकोबार में मानसून अपनी तय तारीख से दो दिन पहले 18 मई को आ गया था लेकिन गति धीमी पड़ने से केरल में यह 8 जून को पहुंचा था और पूरे देश में मानसून की आमद 19 जुलाई को हुई थी।विभाग के मुताबिक इस वर्ष मानसून सामान्य रहेगा।