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Fri, Dec 19, 2025

MP के इन 6 जिलों में होते हैं सबसे अधिक रोड एक्सीडेंट, केंद्र सरकार ने किये चिन्हित, यहाँ अब “जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम”

Written by:Atul Saxena
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कुछ ऐसे स्थल, जहां संभावित घातक दुर्घटना हो सकती हैं तथा वर्तमान में छुटपुट दुर्घटनाएं निरंतर हो रही हैं, ऐसे स्थलों की जानकारी स्थानीय पुलिस, स्थानीय निकायों, आमजन आदि से एकत्रित करने के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं।
MP के इन 6 जिलों में होते हैं सबसे अधिक रोड एक्सीडेंट, केंद्र सरकार ने किये चिन्हित, यहाँ अब “जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम”

केंद्र की मोदी सरकार ने एक सर्वे करवाकर देश के 100 ऐसे जिलों को चिन्हित किया है जहाँ सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, इन 100 जिलों में मध्य प्रदेश के भी 6 जिले शामिल है, दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुये सरकार ने इन जिलों में “जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम” चलाने की बात कही है, केंद्र सरकार ने कहा है कि इस कार्यक्रम के तहत दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाया जाये और इनपर रोक लगाने की कार्य योजना बनाई जाये।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार ने अधिक संख्या में घातक सड़क दुर्घटनाओं वाले देश के 100 ऐसे जिले “सेफ लाईफ फाउण्डेशन” के सर्वे के माध्यम से चिन्हित किये हैं। इन 100 जिलों में मध्य प्रदेश के 6 जिले भी शामिल हैं। ये जिले हैं धार, सागर, सतना, रीवा, जबलपुर एवं खरगोन। धार जिले में वर्ष 2023 के आकलन अनुसार सबसे अधिक घातक सड़क दुर्घटनाएं हुई है। इन सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा “जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम” के तहत सभी जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि इन सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को चिन्हित करते हुए योजना तैयार की जाये। इसके बाद आवश्यक कार्य किए जाए जिससे इन सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग सके।

परिवहन विभाग ने सभी कमिश्नर्स एवं जिला कलेक्टर्स को जारी किये निर्देश

आईआईटी मद्रास के “Center of Excellence for Road Safety” द्वारा ऐसी रणनीति पर कार्य किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक स्थल एवं सड़क कॉरिडोर जहाँ दुर्घटनाएं अधिक संख्या में हो रही हैं, वहां कम लागत वाले अति स्थानीय कार्यों को चिन्हित किया गया है। उन कार्यों के लिये जिला प्रशासन को सहयोग दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन के परिवहन विभाग की ओर से सभी कमिश्नर एवं जिला कलेक्टर्स को विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं।

मुख्य सचिव कर रहे समीक्षा, नोडल अधिकारी रखेंगे निगरानी  

मुख्य सचिव द्वारा भी इस कार्य की लगातार समीक्षा की जा रही है। कार्य योजना के तहत सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि वे जिले में एडीएम अथवा एसडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करें तथा यह नोडल अधिकारी जिले की सड़क एजेन्सियों के अधिकारियों के साथ बैठक करके संभावित दुर्घटना स्थलों और सड़क कॉरिडोर की जानकारी संकलित करें। ऐसे स्थल अथवा सड़क कॉरिडोर जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं उन्हें एनआईसी e-DAR पोर्टल से चिन्हित किया जा सकेगा।

जिले के अधिकारी भी करेंगे निरीक्षण 

जिले के ऐसे चिन्हित सड़क दुर्घटनाओं के स्थल एवं सड़क कॉरिडोर का निरीक्षण सभी संबंधित सड़क एजेंसी के जिला अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जायेगा तथा दुर्घटना के तकनीकी और इंजीनियरिंग कारणों को आंकलित कर लेखबध्द किया जाएगा। मौका निरीक्षण के बाद तकनीकी कारण जिनकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं उनकी जानकारी लेने के बाद निराकरण के लिये अतिस्थानीय एवं कम लागत के उपाय भी संबंधित सड़क एजेन्सी के इंजीनियर करेंगे।

सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में देनी होगी जानकारी 

जिला कलेक्टर, नोडल अधिकारी एवं सड़क एजेन्सी के इंजीनियर के माध्यम से जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इनकी प्रस्तुतीकरण की जायेगी। इन कम लागत से होने वाले व्यय के लिये लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक जिले में समुचित बजट प्रावधान सुनिश्चित किया जाये। इस पर होने वाले व्यय के लिये राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि, सांसद एवं विधायक निधि से प्राप्त करने के प्रयास किये जायेंगे।