भोपाल| विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार की घेराबंदी के लिए विपक्ष ने शुरुआत से ही तीखे तेवर दिखाएं हैं| सत्र के दूसरे दिन बुधवार को यूरिया संकट और कालाबाजारी के विरोध में बीजेपी विधायक बिड़ला मंदिर से पैदल मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे| सदन के अंदर तमाम मामलों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की, इस दौरान तीखी नोकझोंक हुई और किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर विपक्ष ने वाकआउट किया| विपक्ष के तेवर देखकर यह तय है कि सदन में आगे भी हंगामा देखने को मिलेगा| इस बीच बीजेपी विधायकों को एक बार फिर बैठक के लिए बुलाया गया है|
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष नई रणनीति के साथ सदन में सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी में है| हालांकि सत्र शुरू होने से पहले ही सोमवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक हो चुकी है| बुधवार शाम को एक बार फिर बीजेपी के सभी विधायक नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के निवास पर पहुंचे हैं| बताया जा रहा है सड़क से लेकर सदन तक बीजेपी किसान, भ्रष्टाचार, वचन पत्र के वादों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है| हालांकि बीजेपी की और से आधिकारिक तौर पर इस बैठक को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन चलते सदन के दौरान सभी विधायकों का एक साथ भार्गव के बंगले पर पहुंचना कई संकेत दे रहा है|
इससे पहले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन वित्तमंत्री वित्तमंत्री तरुण भनोत 2019-20 का पहला 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया। इस पर चर्चा गुरुवार को हाेगी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक एवं पूर्व मुख्यमत्री शिवराज सिंह ने मेधावी छात्र योजना और माखनलाक चतुर्वेदी विश्वविद्यालय का मामला उठाया| पांच बैठकों की कार्यवाही में सबसे महत्वपूर्ण विषय कमलनाथ सरकार द्वारा 2019-20 का पहला अनुपूरक बजट है। आज सदन में पेश होने के बाद 19 दिसंबर को इस पर विधानसभा में चर्चा शुरू होगी। विधानसभा में किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल और विपक्षी सदस्यों के बीच नोंकझोंक की स्थिति बनी| भाजपा के सदस्यों ने सरकार के उत्तर पर असंतोष जताते हुए बहिर्गमन किया।