भोपाल| टिकट कटने से नाराज होकर बगावत करने वाले बालाघाट सांसद बोध सिंह भगत को भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है| उन्होंने पार्टी के घोषित प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय नामांकन भरा है| बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बोध सिंह भगत को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। चुनावी समय में बगावत कर रहे नेताओं पर पार्टी की यह पहली बड़ी कार्रवाई है| जल्द ही अन्य सीटों पर भी ऐसी ही कार्रवाई देखी जा सकती है|
बालाघाट सीट से बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवार ढाल सिंह बिसेन के चुनाव मैदान में होने के बावजूद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने वाले वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत को आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। प्रदेश पार्टी कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने भगत को अनुशासनहीनता के आरोप में प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया है।
दरअसल, बालाघाट सीट पर टिकट वितरण से पहले ही घमासान शुरू हो गया था| यहां से वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत टिकट कटने की चर्चा के बाद से ही सक्रीय हो गए थे और पूरा जोर लगा रहे थे| लेकिन दूसरी तरफ गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी के लिए टिकट चाह रहे थे| लेकिन पार्टी ने परिवारवाद की गाइडलाइन के चलते उन्हें टिकट नहीं दिया और भगत की टिकट काटकर ढाल सिंह बिसेन को प्रत्याशी घोषित कर दिया| पार्टी के इस फैसले से भगत नाराज होकर निर्दलीय मैदान में कूद गए| उनका साफ़ कहना था कि वह पार्टी तो छोड़ देंगे लेकिन मैदान नहीं छोड़ेंगे। वहीं उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा ने गौरीशंकर बिसेन के दबाव में मेरा टिकट काटा है, जबकि मेरे खिलाफ किसी तरह का कोई आरोप नहीं था। वहीं उन्होंने ढाल सिंह को कमजोर प्रत्याशी बताया था|
सुहास भगत से लेकर शिवराज ने मनाया
पार्टी ने पहले बोध सिंह भगत को मनाने की जिम्मेदारी संगठन महामंत्री सुहास भगत को सौंपी थी, लेकिन वे इसमें सफल नहीं रहे। इस बाद पार्टी ने प्रभात झा और नरोत्तम मिश्रा को बालाघाट सांसद को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी वो भी सफल नहीं हुए, भगत ने नाम वापस लेने से इंकार कर दिया था। पूर्व सीएम शिवराज ने बोधसिंह से एक दिन पहले फोन पर बात की मगर बात नहीं बनी|