MP Board : विद्यार्थियों के लिए जरूरी खबर, 11वीं के विद्यार्थी अब 12वीं में नहीं बदल सकते विषय, 31 दिसंबर त्रुटि सुधार की अंतिम तारीख

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए संस्था द्वारा ऑनलाइन प्रविष्टि में विषयों में की गई त्रुटि के सुधार 31 दिसंबर तक ही किया जा सकेगा।

Atul Saxena
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MP Board: माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल ने एक आदेश जारी कर अब 11वीं के विद्यार्थियों से उनको दी जा रही 12वीं में विषय बदलने की सुविधा वापस ले ली है यानि यदि उसे 11वीं के विषय कठिन लगते हैं तो वो अब उसे बदल नहीं सकेगा, उसे उसी संकाय में 12 वीं की परीक्षा देनी होगी, बोर्ड ने त्रुटि सुधार के लिए 31 दिसंबर का समय दिया है इसके बाद ये अवसर भी विद्यार्थी के पास नहीं रहेगा।

एमपी बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि विद्यार्थी ने जो विषय 11वीं में लिया है अब वही विषय उसे 12वीं में लेना होगा, उसके पास अब विषय बदलने का ऑप्शन नहीं है। लेकिन यदि 12वीं के परीक्षा फार्म में स्कूल की ओर से गलती से विद्यार्थी का विषय बदल गया हो तो ही त्रुटि सुधार शुल्क जमा कर उसमें सुधार किया जा सकेगा इसके लिए विद्यार्थी को 500 रुपये प्रति विषय अर्थ दंड देना होगा और इसके लिए अंतिम तारीख 31 दिसंबर निर्धारित है।

MP Board ने पूरी तरह से लगाई रोक

गौरतलब है कि तीन साल पहले तक माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 12वीं में संकाय बदलने की सुविधा दी जा रही थी, पिछले साल भी कुछ विशेष मामलों में विषय बदलने की सुविधा दी गई, लेकिन अब एमपी बोर्ड ने इस सुविधा पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। हालांकि कई विद्यार्थियों ने स्कूल प्राचार्य व बोर्ड को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि उन्हें विषय बदलने का अवसर दिया जाए, लेकिन माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सिर्फ त्रुटि सुधार का ही अवसर दिया है।

त्रुटि सुधार की व्यवस्था ऑनलाइन रहेगी

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए संस्था द्वारा ऑनलाइन प्रविष्टि में विषयों में की गई त्रुटि के सुधार 31 दिसंबर तक ही किया जा सकेगा। इसे 500 रुपये प्रति विषय अर्थदंड के साथ विषयों में त्रुटि सुधार कर सकते हैं। 31 दिसंबर के बाद किसी भी तरह की त्रुटि सुधार का अवसर नहीं मिलेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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