MP News: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे से एमपी ब्रेकिंग न्यूज के मुख्य संपादक वीरेंद्र शर्मा के साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इस दौरान उन्होंने राजनीति में आने से लेकर और कांग्रेस द्वारा उनको टिकट ना दिए जाने के साथ ही दोबारा नौकरी के लिए पत्र लिखने तक कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी।
काम करने के लिए राजनीति एक बेहतर माध्यम
एमपी ब्रेकिंग के मुख्य संपादक ने जब निशा बांगरे से राजनीतिक क्षेत्र में छल एवं प्रपंच को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मेरा जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। इस दौरान इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद डीएसपी और डीप्टी कलेक्टर में चयन होने के बाद बैतूल के आमला में नौकरी के दौरान मेरी कार्यशैली से लोग प्रभावित हुए। इस दौरान कांग्रेस ने ही कहा था कि आमला से आप तैयारी कीजिए। इसके बाद मैंने अपने पद से इस्तीफा दिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि प्रशासनिक कार्य में हमारे हाथ बंधे हुए होते हैं और स्वतंत्र रुप से काम नहीं कर सकते हैं। इसके लिए राजनीति एक बेहतर माध्यम है, जिसके जरिए एक बड़े स्तर पर कार्य किया जा सकता है।
टिकट के लिए कांग्रेस ने दिलाया था विश्वास
निशा बांगरे ने आगे कहा कि इसमें मेरा कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं रहा है। मेरा हमेशा से राष्ट्रहित और लोगों की सेवा के लिए क्या बेहतर माध्यम हो सकते हैं इसी दिशा में हमेशा कार्य करती आई हूं। वहीं कांग्रेस ने भी कहा था कि टिकट दिया जाएगा। इसलिए अपने पद से इस्तीफा दिया। हालांकि एक बार इस्तीफे को नामंजूर किया गया। जब दोबार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने टिकट के लिए विश्वास दिलाया तो फिर से चुनाव लड़ने के आधार पर इस्तीफा मांगा। जिस पर सरकार ने इस्तीफे को मंजूर कर लिया। हालांकि तब तक कांग्रेस ने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया था।
न्याय की बात करने से बेहतर है कि उस पर अमल करे कांग्रेस
मुख्य संपादक वीरेंद्र शर्मा ने जब राहुल गांधी दलित और पिछड़ों को पीछे होने की बात लोकसभा और विधानसभा में उठाती रहती है ऐसे में आप भी उसी समाज से ताल्लुक रखती हैं तो उनके कथनी और करनी में कितना अंतर देखती हैं, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस कहती तो है लेकिन उसे लागू नहीं कर पाती है। कांग्रेस के पास इसको लेकर कई सारी चुनौतियां हैं। आज कांग्रेस नारी न्याय की बात कर रही है लेकिन पूरे मध्य प्रदेश में बहुत सारी योग्य महिलाएं हैं, जिनको टिकट दिया जा सकता है लेकिन नहीं दिया गया। ऐसे में चाहे दलित वर्ग या पिछड़े वर्ग की महिलाओं को अभी संघर्ष करना पड़ता है। अपनी बात को लेकर उन्होंने कहा कि एक दलित परिवार और कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि ना होने के कारण कांग्रेस के अंदर भी संघर्ष करना पड़ता है। इसलिए न्याय की बात करने से बेहतर है कि बातों पर अमल किया जाए।
कांग्रेस ने हमारे साथ किया अन्याय
बात करते हुए निशा बांगरे ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर तत्कालीन सरकार ने अन्याय करते हुए इस्तीफे को देरी मंजूर किया तो कांग्रेस ने भी मेरे साथ अन्याय किया। कांग्रेस टिकट बदलकर दे सकती थी। इसके अलावा जब उन्होंने विधानसभा में टिकट नहीं दिया तो लोकसभा में टिकट देने का वादा किया था, जिसके बाद फिर टिकट नहीं दिया।
सीएम मोहन यादव के अंदर संवेदनशीलता है
एमपी ब्रेकिंग न्यूज के मुख्य संपादक ने मोहन यादव से भरोसे को लेकर सवाल किया तो निशा बांगरे ने कहा कि मुझे लगता है कि उनके अंदर संवेदनशीलता है। मैंने नौकरी में जाने के लिए आवेदन किया है। अगर वो चाहे तो मेरे साथ न्याय कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं देशहित, राष्ट्रहित और समाज हित के लिए काम करना चाहती हूं इसको लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव विचार करेंगे और मुझे न्याय देंगे।
बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव मिलने पर विचार करने की कही बात
इसके अलावा जब उनसे पूछ गया कि अभी राजनीति करने का मन है या नौकरी ही विकल्प है तो बांगरे ने कहा कि मेरी दिलचस्पी राजनीति में ही है। दरअसल, परिवार में दबाव बनाकर नौकरी में वापस जाने का आवेदन दिलवाया गया है। हालांकि, अभी भी मेरी व्यक्तिगत दिलचस्पी राजनीति में जाने की है। राजनीति ही मेरी पहली प्राथमिकता है। वहीं जब उनसे बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव मिलने पर स्वीकार करने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल इस विचार करेंगे। अगर बेहतर माध्यम मिलता है तो मैं निश्चत तौर पर काम करूंगी।