MP Budget 2025 : कोई नया टैक्स नहीं लगाया, कोई योजना बंद नहीं की, विकास का एजेंडा हमारी प्राथमिकता, बजट को लेकर बोले सीएम डॉ मोहन यादव

सीएम ने कहा कांग्रेस के शासनकाल में 2003-04 तक मात्र 20 हजार करोड़ का बजट था जिसे हमारी सरकार ने 4 लाख 21 हजार करोड़ तक पहुंचाया है, उन्होंने कहा 2047 में ये बजट 250 लाख करोड़ रुपये का होगा जबकि प्रति व्यक्ति आय 22 लाख रुपये होगी।

Atul Saxena
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MP Budget 2025 : मध्य प्रदेश सरकार ने आज वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना बजट पेश किया, डॉ मोहन यादव सरकार का ये दूसरा बजट है, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसमें सभी वर्गों के लिए सभी क्षेत्रों के लिए सभी विभागों के लिए राशि का प्रावधान किया गया है, खास बात ये है कि बजट में सरकार ने कोई भी नया टैक्स जनता पर नहीं लगाया है जिससे उसपर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मीडिया से बात  करते हुए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी , उन्होंने इसे समृद्ध मध्य प्रदेश के लिए एक अच्छा बजट बताया, उन्होंने कहा कि हम लगातार अपने संकल्प पत्र के अनुरूप आगे बढ़ रहे हैं हमें गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपये का वादा किया है अभी दो साल में ही हम 2600 पर खरीद रहे हैं अगले साल 2700 से ऊपर निकल जायेंगे जबकि हमें ये वादा पांच साल के लिए किया था।

2047 तक 250 लाख करोड़ रुपये का होगा बजट, प्रति व्यक्ति आय 22 लाख रुपये होगी

मोहन यादव ने कहा 4 लाख 21 हाजर करोड़ के बजट में हमें कोई भी नया टैक्स जनता पर नहीं लगाया कोई योजना बंद नहीं की है। सीएम ने कहा कांग्रेस के शासनकाल में 2003-04 तक मात्र 20 हजार करोड़ का बजट था जिसे हमारी सरकार ने 4 लाख 21 हजार करोड़ तक पहुंचाया है, उन्होंने कहा 2047 में ये बजट 250 लाख करोड़ रुपये का होगा जबकि प्रति व्यक्ति आय 22 लाख रुपये होगी।

पूर्व मुख्यमंत्रियों की तारीफ करते हुए ये बोले डॉ मोहन यादव 

पूर्व मुख्यमंत्रियों उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए डॉ मोहन यादव ने कहा विकास परक एजेंडा ही हमारी सरकार की पहचान है और हम इसी पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा हमारी सरकार ने बजट में सभी क्षेत्र के लिए राशियों का प्रावधान किया है कही कोई कमी नहीं आयेगी।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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