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MP By-election : अब 28 सीटों पर उपचुनाव, भाजपा की राह आसान, कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई सीटों की संख्या अब ब्यावरा के कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी (Govardhan Dangi) के निधन के बाद 28 पर पहुंच गई है। अब एमपी की 28 सीटों पर उपचुनाव (By-election) होना है, क्योंकि प्रदेश में 3 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव विधायकों के निधन के कारण और 25 सीटों पर विधायकों के इस्तीफा देने के कारण हो रहे हैं। मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) के इतिहास में यह पहला मौका है , जब एक साथ इतनी सीटों पर उपचुनाव हो रहे है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने है क्योंकि इनमें से आगर को छोड़कर बाकी सभी सीटें कांग्रेस (Congress) के खाते से कम हुई हैं।वही भाजपा की राह आसान होती नजर आ रही है। खैर ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि भाजपा (BJP) सरकार बचाने में कामयाब होगी या फिर कांग्रेस दोबारा से कमबैक करेगी।

दरअसल,  कांग्रेस के पास वर्तमान में 87 विधायक बचे है और सत्ता में कमबैक के लिए कांग्रेस को 28 की 28 सीटों जीतने पडेगी।वही भाजपा को कुर्सी बचाए रखने के लिए केवल और केवल 9 सीटों की जरुरत है, वर्तमान में भाजपा के पास 107 विधायक है।भले ही चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान नही किया हो लेकिन दोनों ही दलों की तैयारियां जोरों पर चल रही है।जंहा भाजपा ने 27 में से 16 सीटों वाले ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) से चुनावी शंखनाद का आगाज किया है, वहीं कांग्रेस ने सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पकड़ते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Former Chief Minister and Congress State President Kamal Nath) ने आगर-मालवा के बगलामुखी माता मंदिर से इसकी शुरुआत की है। 230 सदस्यीय राज्य विस में बहुमत के लिए 116 सीटें होना जरूरी हैं। दांगी के निधन के बाद मप्र विधानसभा की सदस्य संख्या 202 रह गई है। कांग्रेस के पास 88 विधायक बचे हैं तो भाजपा के पास 107 विधायक हैं। बसपा-सपा व निर्दलीय विधायकों में से ज्यादातर जिसकी सरकार होगी, उसके साथ रहने के बयान दे चुके हैं।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)