भोपाल।
उपचुनावों(BY Election) की तारीखों का ऐलान नही हुआ है, लेकिन राजनैतिक पार्टियों की तैयारियां जोरों पर चल रही है।प्रदेश में 26 सीटों पर उपचुनाव होना है ,जिसमें से बीजेपी के 24 सीटों पर उम्मीदवार तय है, केवल 2 सीटों पर उम्मीदवारों का चयन होना है, वही कांग्रेस को 26 सीटों पर ही उम्मीदवार तय करने है। खबर है कि कांग्रेस ने आधे से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए है, बाकी की सीटों पर मंथन चल रहा है।सुत्रों की माने तो इस बार कांग्रेस कोई रिस्क नही लेना चाहती , इसलिए सर्वे के आधार पर टिकट देने की तैयारी चल रही है। कांग्रेस की लिस्ट में कई नए और युवा चेहरे भी शामिल हो सकते है।माना जा रहा है कि चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।
इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में पूर्व सीएम कमलनाथ भी शामिल हुए। कमलनाथ सभी विधायकों से वन-टू-वन किया। इस दौरान उपचुनाव को लेकर रणनीति पर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि काँग्रेस ने उपचुनाव के लिए 17 उम्मीदवारों के नाम तय किये है। 1 या 2 बैठकों में बाकी के उम्मीदवारों पर भी फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट ( Survey report ) और फीडबैक के आधार पर नामों को फाइनल किया गया है। वहीं बाकी नामों पर बाद में फैसला लिया जाएगा। इस बाबत विधानसभा प्रभारियों और विधायकों से पीसीसी चीफ कमलनाथ चर्चा करेंगे।पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि यह सही बात है कि कांग्रेस और हमारा संगठन अभी कमजोर है लेकिन हमें अब 26 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर ध्यान देना है जिसके लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी लगा हुआ है। कमलनाथ सरकार ने पिछले 15 महीने में जितने काम किए है। उसके आधार पर वह उपचुनाव में जीत अवश्य हासिल करेंगे।
दरअसल,बैठक में उपचुनाव को लेकर रणनीतियां बनाई गई। बैठक में अपनी ही पार्टी से असहमति रखते हुए कांग्रेसी विधायकों ने बाहरियों को टिकट देने पर सवाल उठाए थे। विधायकों का कहना था कि चुनाव से तुरंत पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए नेताओं को टिकट देने की गलती आखिर कांग्रेस ने कैसे की थी। प्रदुमन लोधी और सुमित्रा देवी के टिकट देने की बात पर विधायकों ने अपनी ही पार्टी के लोगों को घेरा। विधायकों का कहना है कि जिसे पार्टी छोड़ना है उसे कोई रोक नहीं सकता वह अपने परिवार की भी नहीं सुनेगा।इस पर कमलनाथ ने सर्वे के आधार पर टिकट देने की बात कही और विधायक को एकजुट होने का संदेश देते हुए कहा के अगले विधायक दल की बैठक सरकार बनाने के लिए होगी। कमलनाथ ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ पार्टी को मजबूत रखना है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद फैसला लिया था मैंने कि मैं आप लोग के बीच में रहूंगा। जिसकी वजह से मैं छिंदवाड़ा तक नहीं गया। वहीं उन्होंने कांग्रेस को हौंसला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1977 का दौर भी देखा है। कमलनाथ ने कहा कि हमें 26 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की रूपरेखा पर कार्य करना है और आगे की दिशा तय करनी है।