एमपी (MadhyPradesh) में उपचुनावों(BY Election) की तारीखों का भले ही ऐलान ना हुआ हो लेकिन सियासी पारा जमकर उबाल मार रहा है। कांग्रेस-बीजेपी (Congress-BJP) के बीच जुबानी जंग से लेकर सोशल मीडिया वार तेजी से चल रहा है। खास करके हाल ही में कमलनाथ सरकार (Kamalnath Sarkar) गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक(Former Union Minister Jyotiraditya Scindia and his supporters) कांग्रेस के निशाने पर है। कभी मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet expansion) को लेकर तो कभी टिकट को लेकर।अब राज्यसभा चुनाव (RajyaSabha) से पहले एमपी कांग्रेस ने एक बार फिर बड़ा दावा करके ना सिर्फ सियासत गर्मा दी है बल्कि सिंधिया समर्थकों में भी खलबली पैदा दी है।कांग्रेस ने दावा किया है कि बीजेपी 12 को टिकट नहीं देगी और 10 को जीतने नहीं देगी।जबकी सीएम शिवराज और प्रदेशाध्यक्ष पहले ही ऐलान कर चुके है कि 24 में से 22 सीटों पर समर्थकों को ही उतारा जाएगा।
दरअसल, सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद से एमपी कांग्रेस ट्वीटर (MP Congress Twitter) पर तेजी से एक्टिव हो गई है। कोरोना संकटकाल में सड़कों पर ना उतरने के चलते कांग्रेस सोशल मीडिया के माध्यम से महाराज और उनके समर्थकों की घेराबंदी कर रही है। अब एमपी कांग्रेस ने ट्वीट करके दावा किया है कि ”बीजेपी 22 जयचंदो में से, 12 को टिकट नहीं देगी और 10 को जीतने नहीं देगी..!इस तरह श्रीअंत की ब्लैकमेलिंग से आज़ाद होगी।” हालांकि यह पहला मौका नही है, इसके पहले भी कांग्रेस इस तरह का दावा कर चुकी है।इसके पहले कांग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा था कि ”इस ट्वीट को संभाल कर रखना-बीजेपी-22 जयचंदो में से,12 को टिकट नहीं देगी और 10 जयचंदों को टिकट देगी लेकिन उन्हे जीतने नहीं देगी..!इस तरह पूरे 22 निपट जायेंगे।
सीएम और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष कर चुके है ऐलान
जबकी हाल ही अशोकनगर में मुख्यमंत्री शिवराज ऐलान कर चुके है टिकिट तो उन्हीं को मिलेगा जो कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं।इससे पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था कि 24 में से 22 सीट पर सिंधिया समर्थक ही उम्मीदवार होंगे।।वही सिंधिया खुद भी कह चुके है कि 22 समर्थकों को टिकट दिया जाएगा। बडा सवाल ये है कि आखिर कांग्रेस बार बार यह दावा किस आधार पर कर रही है , क्या कांग्रेस को कोई संकेत मिला है या फिर बीजेपी में कोई विभीषण है जो गुप्त जानकारियां कांग्रेस तक पहुंचा रहा है। इस तरह सवाल बहुत है लेकिन जवाब नही, ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी अपने वादे पर कितना खरा उतरती है और कौन कौन जीत का परचम लहराता है।
22 में से 10 ऐसे जो पहली बार विधानसभा पहुंचे थे
2018 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले सिंधिया समर्थकों 22 पूर्व विधायकों में से 10 ऐसे हैं जो पहली बार विधानसभा पहुंचे थे इनमें रघुराज कंसाना, कमलेश जतव्, मुन्नालाल गोयल, रक्षा सरोनिया, मनोज चौधरी, जजपाल जज्जी, सुरेश धाकड़, ओपीइस भदौरिया, गिरिराज दंडोटिया और जसवंत जाटव शामिल हैं । जबकि बिसाहू लाल साहू पांचवी बार विधायक चुने गए थे। इसे अलावा महेंद्र सिंह सिसोदिया, रणवीर जाटव, हरदीप सिंह डंग, ब्रजेंद्र सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत, राजवर्धन सिंह, तुलसी सिलावट और एन्दल सिंह कंसाना में से कोई दो बार, कोई तीन बार और कोई चार बार का विधायक है। लेकिन इन सभी ने सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस छोड़ दी और उनके ही हाथों में अपना राजनैतिक भविष्य सौंप दिया है।
इन सीटों पर होना है चुनाव
बता दे कि एक कांग्रेस बनवारी लाल जौरा विधानसभा और एक बीजेपी मनोहर सिंह ऊंटवाल आगर विधानसभा सीट निधन के बाद सीट खाली हुई है। वही 22 सिंधिया समर्थक दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य के साथ बीजेपी में शामिल हो गए है।सरकार गिराने में इन 22 की भूमिका अहम रही थी।वर्तमान में ग्वालियर-चंबल अंचल की 16 सीटें और 5 मालवा-निमाड़ तथा एक सागर, भोपाल, शहडोल संभाग की हैं। पार्टी का जोर ऐसी सीटों पर ज्यादा है जहां से पूर्व मंत्री लड़े थे और अब वे भाजपा में है।
(भोपाल से पूजा खोदाणी की रिपोर्ट)