MP में दिव्यांग पेंशन पर सियासी घमासान, कमलनाथ के आरोपों पर आशीष अग्रवाल की खरी-खरी, पूछा ’15 महीने की कांग्रेस सरकार ने क्या किया’

कमलनाथ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश के दिव्यांगों को भी 600 रूपए प्रतिमाह की जगह पात्र राशि 1562 रुपए प्रतिमाह की दिव्यांग पेंशन दी जाए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की पेंशन जैसे संवेदनशील मामले में सकारात्मक रूख अपनाएं। इसपर बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर दिव्यांगजनों के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है।

मध्यप्रदेश में दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन को लेकर आरोपण-प्रत्यारोप का दौर शुरु है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में दिव्यांगजनों को देश में सबसे कम पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा किया कि जहां आंध्रप्रदेश में दिव्यांगों को छह हज़ार रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलती है, वहीं मध्यप्रदेश में यह सिर्फ छह सौ रुपये प्रतिमाह है।

वहीं, कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा है कि दिव्यांगजनों में भ्रम फैलाने के असफल प्रयास से पहले कमलनाथ को अपनी 15 महीने की सरकार के कार्यकलापों पर नज़र डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने शासनकाल में दिव्‍यागजनों के लिए न कभी नीति बनाई और न ही बजट में बढ़ोत्‍तरी का प्रावधान किया।

कमलनाथ ने की दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने की मांग 

कमलनाथ ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में दिव्यांगों को देश में सबसे कम पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ‘आंध्रप्रदेश में दिव्यांगों का जहां 6000 रूपए प्रतिमाह की पेंशन मिलती है, वहीं मध्यप्रदेश में यह पेंशन मात्र 600 रूपए प्रतिमाह है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के दिव्यांगों को कानूनी रूप से 1562 रूपए प्रतिमाह की पात्रता होने के बावजूद सरकार उन्हें सिर्फ 600 रूपए प्रतिमान दे रही है। इसी के साथ उन्होंने सरकार से मांग की कि दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाकर 1562 प्रतिमाह की जाए।

आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा

कमलनाथ के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ जी को पहले अपनी 15 महीने की ‘काली सरकार’ के काले अध्याय को देखना चाहिए।” आशीष अग्रवाल ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 2019-20 के बजट में दिव्यांग कल्याण के लिए 22% की कटौती की गई। पेंशन का भुगतान महीनों तक लंबित रहा, 2018-19 में हजारों फाइलें लटकाई गईं। ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर जैसी सुविधाओं के लिए कोई योजना नहीं चलाई गई। दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनवाने में देरी की गई, जिससे वे योजनाओं से वंचित रहे। दिव्यांग बच्चों की छात्रवृत्तियों का भुगतान रोका गया।

बीजेपी सरकार के निर्णय गिनाए

आशीष अग्रवाल ने कहा है कि बीजेपी सरकार ने दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए लगातार ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि “मध्यप्रदेश में पहली बार दिव्यांग जन निदेशालय की स्थापना की गई। 2023-24 में 8.85 लाख यूनिक आईडी कार्ड बनाए गए, जो देश में दूसरा स्थान है। निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत 17,095 दंपत्तियों को सहायता दी गई।ट्राईसाइकिल, सहायक उपकरण, छात्रवृत्ति और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई। स्थानीय सहायता शिविरों के जरिए योजनाएं जरूरतमंदों तक पहुंचाई गईं।” बीजेपी नेता ने तंज कसते हुए कहा कि जनता कांग्रेस की कथनी और करनी का फर्क देख चुकी है इसलिए विपक्ष को इस तरह के निराधार आरोप लगाने से पहले एक बार अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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