भोपाल।
मध्यप्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज है। आज भाजपा-कांग्रेस आमने सामने होने वाली है। एक तरफ आज भाजपा प्रदेशभर में ‘कमल दीवाली’ मनाने जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत हर बूथ में लोगों के घर भाजपा कार्यकर्ता विशेष रुप से तैयार की गई कमल के आकार वाली मोमबत्ती का दीपक जलाएंगे। इससे पहले भाजपा ने 15 नवंबर से ‘हर घर भाजपा का झंडा’ नाम से कार्यक्रम चलाया था। वही दूसरी तरफ इसके जवाब में कांग्रेस ‘बदलाव की बाती’ जलाएगी। कांग्रेस कार्यकर्ता भी घर-घर जाएंगे, वो बूथ स्तर पर डोर-टू-डोर संपर्क करेंगे। बीजेपी सरकार की कमियां गिनाएंगे और कांग्रेस को वोट देने की अपील करेंगे। गांधीवादी तरीके से लोगों से संपर्क करेंगे और कपास और सूत के धागों से दीया जलाएंगे।
ऐसी होगी भाजपा की ‘कमल दिवाली’
भाजपा 21 नवंबर को प्रदेशभर में कमल दिवाली मनाने जा रही है। इसके तहत कार्यकर्ताओ द्वारा घर- घर में कमलरूपी दीप जलाए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिखा हुआ एक संयुक्त पत्र भी हर एक परिवार को भेजा जाएगा, जिसमें उनसे कमल दीपावली मनाने का अग्रह किया जाएगा। कमल दीपावली मनाने के लिए बूथ स्तर पर टोली गठित की गई है। घर-घर कमल दीपक प्रज्जवलित होंगे। 21 नवंबर से शुरू होने वाले इस अभियान के तहत हर विधानसभा में करीब 44 हजार घरों तक पहुंचकर कार्यकर्ताआें को शाम 7 से 8 बजे के बीच दीप जलवाना हैं। एक कार्यकर्ता को कम से कम 25 घरों की जिम्मेदारी लेनी होगी। भाजपा का मानना है कि इस अभियान की जगमग से प्रदेश से कांग्रेस खुद विदाई हो जाएगी। इस अभियान के दौरान पार्टी जनता से समृद्ध मध्यप्रदेश के लिए आशीर्वाद भी मांगेगी। लाभार्थियों से एक निर्धारित नबंर पर मिस्ड कॉल अथवा वाट्सएप मैसेज करने का भी आग्रह किया जाएगा।
ऐसी रहेगी कांग्रेस की ‘बदलाव की बाती’
कमल दीपावली को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने बदलाव की बाती जलाने का फैसला लिया है। कांग्रेस कार्यकर्ता भी घर-घर जाएंगे। वो बूथ स्तर पर डोर-टू-डोर संपर्क करेंगे। बीजेपी सरकार की कमियां गिनाएंगे और कांग्रेस को वोट देने की अपील करेंगे। गांधीवादी तरीके से लोगों से संपर्क करेंगे और कपास और सूत के धागों से दीया जलाएंगे।इसके लिए कमलनाथ ने अपने कार्यकर्ताओं को पत्र भेजकर बदलाव की बाती बनाने को कहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे अपने घर में मौजूद सूत के धागों और रुई से बाती बनाएं। अपने परिजनों और मित्रों को भी इस काम में शामिल करें। बाती बनाकर पास के देवालय में चढ़ा दें। हम सब 11 दिसंबर की शाम को इन्ही बातियों से दिवाली मनाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनकी यह बाती प्रदेश में बदलाव की प्रतीक बनेगी।