भोपाल।
बुधवार को भोपाल में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी ने मुख्यमंत्री के लिए कमलनाथ के नाम पर सहमति जताई है। हालांकि अंतिम फैसला कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ही करेंगे।उम्मीद की जा रही है कि राहुल आज मुख्यमंत्री के नाम की औपचारिक घोषणाा कर सकते है। वही कांग्रेस में मंत्रिमंडल को लेकर भी सियासी सरगर्मी तेज हो चली है। विधानसभा अध्यक्ष के साथ साथ मंत्रिमंडल मे ‘कौन मंत्री होगा, किसे कौन सा पद दिया जाए’ इसको लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में लगातार मंथन किया जा रहा है।
सुत्रों की माने तो विधानसभा अध्यक्ष के लिए डाॅ. गोविंद सिंह, केपी सिंह, लक्ष्मण सिंह, डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ और एनपी प्रजापति के नाम आगे चल रहे है। वही मंत्री मंडल के लिए 36 नामो पर चर्चाएं जोरों पर है। इसमें कई पुराने मंत्रियों को भी जगह मिलने की संभावना है। विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के 15 फीसदी सदस्य मंत्रिपरिषद में लिए जा सकते हैं। इस हिसाब से मुख्यमंत्री सहित 35 मंत्रियों का मंत्रिमंडल बन सकता है। 13 साल के कार्यकाल के दौरान भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज ने यह संख्या कभी पूरी नहीं की। सियासी रणनीति के तहत उन्होंने 3-4 मंत्री पद हमेशा खाली रखे, ताकि लोगों की उम्मीद हमेशा बनी रहे।लेकिन कांग्रेस इस तरह की रणनीति अपनाने को तैयार नही। कांग्रेस एक साथ अपनी टीम उतारने वाली है।चुंकी लोकसभा चुनाव भी नजदीक है, इसके चलते कांग्रेस ऐसे मंत्रियों की टीम खड़ी करेंगें जो आगे का मैदान तैयार कर सके और पिछली सरकार की नाकामियों को जनता के सामने रख अपना पक्ष मजबूत कर सके।
इनको मिल सकता है पद
चुनाव जीतकर आए 114 कांग्रेस विधायकों और 4 निर्दलीयों में से जिन्हें मंत्री पद से नवाजा जाना है उनमें कुछ नाम सुर्खियों में हैं। इनमें डॉ. गोविंद सिंह, बाला बच्चन, हुकुम सिंह कराड़ा, एनपी प्रजापति, आरिफ अकील, सज्जन वर्मा, लक्ष्मण सिंह, विजय लक्ष्मी साधौ, इमरती देवी, कमलेश्वर पटेल, दीपक सक्सेना, तुलसी सिलावट, तरुण भनोत, गोविंद राजपूत, जीतू पटवारी, लखन घनघोरिया, ओमकार मरकाम, जयवर्धन सिंह, हिना कांवरे, प्रदीप जायसवाल गुड्डा, ठाकुर सुरेन्द्र सिंह शेरा, पीसी शर्मा, सचिन यादव, झूमा सोलंकी, डॉ. प्रभुराम चौधरी, उमंग सिंघार, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बृजेंद्र सिंह राठौर, हर्ष यादव और प्रद्युम्न सिंह तोमर के नाम प्रमुख रूप से लिए जा रहे हैं।