भोपाल , डेस्क रिपोर्ट| जेल एवं सुधारात्मक सेवाओं के महानिदेशक संजय चौधरी (Sanjay Chaudhary) शनिवार को अपने शानदार कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त (Retired) हो गए । जेल मुख्यालय पर आयोजित एक गरिमामयी कार्यक्रम में संजय चौधरी को नम आंखों से उनके विभाग द्वारा विदाई (Farewell) दी गई।
भारतीय पुलिस सेवा के मध्य प्रदेश कैडर के एक बेहतरीन अधिकारी के रूप में और उससे भी बेहतर एक शानदार ,जानदार सहृदय ,मिलनसार व्यक्तित्व के रूप में पहचान रखने वाले संजय चौधरी लगभग 4 साल तक जेल डीजी रहे। 1982 में ग्वालियर से मैकेनिकल इंजीनियर और उसके बाद इंडियन इंस्टिट्यूट टेक्नोलॉजी दिल्ली से मास्टर डिग्री प्राप्त करने वाले संजय चौधरी ने 2003 में मास्टर ऑफ आर्ट इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन भी यू एस ए से किया था।
मध्य प्रदेश के 6 जिलों सीधी ,राजगढ़, सिवनी ,सागर, सरगुजा और जबलपुर में एसपी रहने के साथ-साथ डीआईजी सीआईडी इन्वेस्टिगेशन और एसएएफ में रहे और आईजी बालाघाट ,चंबल और उज्जैन के रूप में अपनी सेवाएं दी। वे मध्यप्रदेश में गृह सचिव भी रहे और उसके साथ-साथ मध्य प्रदेश के खेल एवं युवक कल्याण विभाग के संचालक भी रहे। खेलों के क्षेत्र में मध्यप्रदेश का जो स्वरूप दिखता है वह संजय चौधरी की ही देन है।
इसके साथ-साथ वे परिवहन आयुक्त भी रहे और परिवहन विभाग में उन्होंने आमूलचूल परिवर्तन कर विभाग को एक ऐसे मुकाम पर ला खड़ा कर दिया जो आज राजस्व का एक बड़ा स्रोत मध्यप्रदेश के लिए है। पुलिस अभियोजन के डीजी रहने के साथ-साथ वे पुलिस महानिदेशक जेल भी रहे ।सराहनीय सेवाओं के लिए उनको राष्ट्रपति का गैलंट्री पुलिस अवार्ड 1977, प्रेसिडेंट मेडल ऑफ मटेरियल सर्विस 2002, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया फैलोशिप फॉर फॉरेन हायर स्टडी, प्रेसिडेंट मेडल ऑफ डिस्टिंग्विश्ड सर्विस 2008, प्रेसिडेंट अवॉर्ड फॉर प्रमोशन ऑफ स्पोर्ट्स ऑफ स्टेट एमपी 2010 में मिला था।