MP News : 15 अगस्त को 182 बंदियों को मिलेगी जेल से आजादी, इन शर्तों का करना होगा पालन, दुष्कर्मियों को कोई रियायत नहीं

MP News : मप्र की विभिन्न जेल में बंद बंदियों को प्रदेश सरकार हर बार की तरह इस बार भी 15 अगस्त को रिहा करने जा रहा है, इसके लिए शासन की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं , गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी दी है कि 15 अगस्त को इस बार प्रदेश की जेलों में बंद 182 बंदियों को रिहा किया जायेगा, इन्हें कुछ शर्तों का भी पालन करना होगा, साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि दुष्कर्म जैसे अपराध का कोई भी बंदी नहीं छोड़ा जा रहा है।

साल में चार बार होती है बंदियों की रिहाई 

 

मप्र शासन जेल में बंद बंदियों को जेल मेनुअल के हिसाब से रिहा करता है, पहले ये रिहाई साल में दो बार 26 जनवरी और 15 अगस्त को होती थी जो अब चार बार होती है, शिवराज सरकार ने इन दो राष्ट्रीय पर्वों के अलावा 2 अक्टूबर गांधी जयंती और 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती पर भी रिहाई शुरू की है।

15 अगस्त को 182 बंदियों की मिलेगी जेल की चार दीवारी से आजादी 

अगले महीने देश का स्वाधीनता दिवस है, इस दिन का इंतजार बंदियों को भी रहता है क्योंकि ऐसे बंदी जो आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे होते हैं उनकी सजा पूरी होने, उनके अच्छे आचरण सहित जेल मेनुअल में बताये गए अन्य नियमों के आधार पर उनकी रिहाई होती है। शासन ने इस बार 15 अगस्त के लिए 182 बंदियों की रिहाई की सूची बनाई है।

दुष्कर्म आरोपी बंदियों को सजा में नहीं मिलेगी माफी 

मप्र के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 बंदियों की सशर्त रिहाई की जा रही है। इसके अतिरिक्त 15 गैर-आजीवन कारावास के बंदियों को सजा में छूट दी जा रही है। यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा को देखते हुए दुष्कर्म के किसी भी प्रकरण में सजा माफी नहीं दी जा रही है।

इन शर्तो का करना होगा पालन 

  • ऐसे बंदी जिनकी सजा के विरुद्ध अपील लंबित है, उनकी अपील के निराकरण के बाद ही रिहाई होगी।
  • ऐसे बंदी जिन्हें जुर्माना से दण्डित किया गया है, वे यदि जुर्माना राशि 15 अगस्त तक जमा कर देते हैं, तो उनकी रिहाई होगी ।
  • ऐसे बंदी जिन्हें किसी अन्य प्रकरण में सजा भुगतना शेष है, उन्हें शेष सजा भुगतने के लिए रोका जायेगा।
  • यदि किसी बंदी को किसी अन्य प्रकरण में जमानत प्राप्त नहीं हुई है, उन्हें विचाराधीन बंदी के रूप में रोका जायेगा।
  • यदि कोई बंदी अन्य राज्य के प्रकरण में दण्डित किया गया है तो वह संबंधित राज्य में स्थानान्तरित किया जायेगा।

 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News