MP News : प्रदेश के 9 शासकीय शिक्षा महाविद्यालयों में बीएड की 677 सीट पर ई-प्रवेश प्रक्रिया से होगा एडमिशन, जानें कहाँ कितनी सीटें

ऐसे विद्यार्थी जो बीएड पाठ्यक्रमों के लिए पूर्व में पंजीयन कर चुके है, वह भी अपने पंजीयन क्रमांक के माध्यम से पुनः इन संस्थानों में आवेदन कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त अन्य विद्यार्थी पूर्व में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार पंजीयन कर प्रवेश के लिए आवेदन कर सकेंगे।

CTE Chhatarpur

MP News : प्रदेश के महाविद्यालयों में नया शिक्षण सत्र शुरू होने वाला है, इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जा रही है, इसी क्रम में उच्च शिक्षा के अंतर्गत राज्य शिक्षा केन्द्र के 9 शासकीय शिक्षा महाविद्यालयों की बीएड की 677 सीट पर ई-प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से एडमिशन दिया जायेगा, शासन ने कहाँ कितनी सीटें उपलब्ध हैं उसकी जानकारी आवेदकों के लिए उपलब्ध कराई है।

9 शासकीय कॉलेजों में इतनी सीटें उपलब्ध 

राज्य शिक्षा केन्द्र के माध्यम से प्रदेश के 09 शासकीय शिक्षा महाविद्यालयों की कुल 677 सीट पर सत्र 2024-25 के लिए बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया उच्च शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी। इसके अनुसार प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान (आईएएसई), भोपाल में 60 सीट, प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान (आईएएसई), जबलपुर में 107 सीट, शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (सीटीई), देवास में 75 सीट, शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (सीटीई), उज्जैन में 85 सीट, शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (सीटीई), खंडवा में 75 सीट, शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (सीटीई), रीवा में 75 सीट, शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (सीटीई), छतरपुर में 75 सीट, शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (सीटीई), ग्वालियर में 75 सीट और शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (सीटीई), जबलपुर में 50 सीट सहित कुल 677 सीट उपलब्ध हैं।

कौन कौन कर सकता है आवेदन, देखें यहाँ  

शिक्षा विभाग ने कहा है कि इन महाविद्यालयों में प्रवेश राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार और उच्च शिक्षा विभाग की ई-प्रवेश प्रक्रिया के अनुसार दिया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी जो बीएड पाठ्यक्रमों के लिए पूर्व में पंजीयन कर चुके है, वह भी अपने पंजीयन क्रमांक के माध्यम से पुनः इन संस्थानों में आवेदन कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त अन्य विद्यार्थी पूर्व में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार पंजीयन कर प्रवेश के लिए आवेदन कर सकेंगे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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