MP News : मध्य प्रदेश में एक और नए जिले का होगा गठन, सरकार ने इस जिले के कलेक्टर से मांगा प्रतिवेदन

छिंदवाड़ा को एक बार फिर विभाजित किया जा सकता है, राजस्व विभाग ने छिंदवाड़ा कलेक्टर को इस आशय का पत्र भेजा है और उनसे छिंदवाड़ा की जुन्नारदेव विधानसभा को अलग जिला बनाये जाने को लेकर प्रतिवेदन मांगा है, यदि जुन्नारदेव अलग जिला  अबन जाता है तो मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या 56 हो जाएगी । 

Atul Saxena
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MP News : मध्य प्रदेश में जल्दी ही जिलों की संख्या बढ़ सकती है, सरकार जल्दी ही छिंदवाड़ा जिले की विधानसभा जुन्नारदेव को अलग जिला बना सकती है, गौरतलब है कि यदि ऐसा होता है तो छिंदवाड़ा जिला बहुत जल्दी दूसरी बार टूटेगा, पिछले साल 2023 में छिंदवाड़ा से पांढुर्ना को अलग कर नया जिला बनाया गया था। राजस्व विभाग ने छिंदवाड़ा कलेक्टर को इस आशय का पत्र भेजा है और उनसे छिंदवाड़ा की जुन्नारदेव विधानसभा को अलग जिला बनाये जाने को लेकर प्रतिवेदन मांगा है।

अभी मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या 55 हैं 

मध्य प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार यानि शिवराज सिंह सरकार ने अपने शासनकाल में प्रदेश में कई पुराने जिलों को विभाजित कर अलग नए जिले बनाये, जिसमें टीकमगढ़ से अलग कर निवाड़ी, रीवा से अलग कर मऊगंज, रीवा से ही अलग कर मैहर, छिंदवाड़ा से अलग कर पांढुर्ना शामिल हैं, इन नए जिलों के गठन के बाद प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 55 हो गई।

जुन्नारदेव बन सकता है नया जिला, नागदा भी वेटिंग में 

पिछली सरकार ने हालाँकि उज्जैन जिले से अलग कर नागदा को अलग जिला बनाने की घोषणा के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी थी लेकिन अभी तक इसका गठन नहीं हो पाया है, इसी बीच अब छिंदवाड़ा को एक बार फिर विभाजित किया जा सकता है, राजस्व विभाग ने छिंदवाड़ा कलेक्टर को इस आशय का पत्र भेजा है और उनसे छिंदवाड़ा की जुन्नारदेव विधानसभा को अलग जिला बनाये जाने को लेकर प्रतिवेदन मांगा है, यदि जुन्नारदेव अलग जिला बन जाता है तो मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 56 हो जाएगी और सरकार यदि नागदा को भी अलग जिला बनाने की घोषणा करती है तो संख्या बढ़कर 57 हो जाएगी।

MP News : मध्य प्रदेश में एक और नए जिले का होगा गठन, सरकार ने इस जिले के कलेक्टर से मांगा प्रतिवेदन


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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