राजस्व एवं परिवहन मंत्री राजपूत ने कहा कि प्रदेश की जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग ई-तकनीक को बढ़ावा दे रहा है। ताकि, किसानों एवं आमजन को तहसील एवं पटवारी के चक्कर न लगाने पड़े। उन्होंने कहा कि वर्षों पूर्व आमजन और किसानों को अपने खाते की नकल पाना कठिन कार्य था। जनमानस की परेशानी को ध्यान में रखते हुए आजादी के 70 साल बाद राजस्व विभाग के नियमों में बदलाव कर जन-सुविधा से जुड़े अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं।
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राजपूत ने जनता से अपील करते हुए कहा कि राजस्व महकमे द्वारा सुविधा जनक रूप से किए गए बदलाव का ई-तकनीक के माध्यम से लाभ उठाए और परेशानी से बचे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों और आमजन के हित में लगातार लिए जा रहे निर्णय के अनुपालन में अब किसानों या आमजन को उनके खाते की खसरा, वी-1 एवं ऋृण पुस्तिका की प्रति वाट्सएप पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। श्री राजपूत ने कहा प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार लगातार जनहितैषी निर्णय ले रही है, ताकि राजस्व अभिलेखों की प्राप्ति के लिए जनता को दर-दर भटकना न पड़े।
सभी जिलों का भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन :
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब मध्यप्रदेश के किसी भी जिले से संबंधित भूमि रिकॉर्ड को जनता ऑनलाइन घर बैठे देख सकती है। अब जनमानस को प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में छोटी-छोटी सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए बार-बार नहीं जाना पड़ेगा। श्री राजपूत ने कहा कि जनता मध्यप्रदेश भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से खसरा -खतौनी की नकल, भू-अभिलेख का रिकॉर्ड, आवादी सर्वे का रिकॉर्ड, बंधक भूमि की स्थिति, बंदोबस्त अधिकार अभिलेख, बंदोबस्त निस्तार पत्रक की स्केन प्रति, जमा बंधी नकल, खेत का नक्शा, विवादित भूमि का विवरण आदि ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।