MP News : मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरों के खिलाफ अपनाई जा रही जीरो टोलरेंस की नीति के चलते घूसखोरों पर शिकंजा कसता जा रहा है, लोग बिना डरे रिश्वत मांगने वाले शासकीय सेवक की शिकायत करते हैं और उसे रंगे हाथों गिरफ्तार करवाते हैं लेकिन उन्हें तब मायूस होना पड़ता है जब उनकी ही राशि कोर्ट केस के कारण फंस जाती है और फिर कई सालों के इंतजार के बाद जब फैसला होता है तब राशि मिलती है, लेकिन अब उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है उनकी राशि अब से जल्दी मिल जाया करेगी।
रिश्वतखोरों को पकड़वाने में की बार लोग ये सोच कर अपने कदम पीछे खींच लेते हैं कि हमें क्या लाभ होगा हमारी राशि तो वर्षों के लिए फंस जाएगी, यदि आप भी ऐसा सोचते हैं तो सोचना छोड़ दीजिये सरकार ने फैसला लिए है घूसखोर को पकड़वाने वाले शिकायतकर्ता को अब उनकी राशि के लिए वर्षों इन्तजार नहीं करना होगा, जानकारी के मुताबिक शासन इसके लिए एक विशेष फंड बनाने जा रही है जिसका नाम होगा रिवॉल्विंग फंड जिसकी मदद से शिकायतकर्ता को राशि वापस मिलेगी।
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अभियोजन की कार्यवाही शुरू होते ही मिल जाएगी राशि
जानकारी के मुताबिक अब जैसे ही कोर्ट में अभियोजन की कार्यवाही शुरू होगी वैसे ही शिकायतकर्ता को उसकी मूल राशि लौटा दी जाएगी, सरकार ने जो फैसला लिया है उसके अनुसार अप्रैल से ये व्यवस्था शुरू होने जा रही है रिवॉल्विंग फंड में 40 लाख रुपये का विशेष कोष होगा, शिकायतकर्ता को राशि लौटाने के बाद जब कोर्ट का फैसला आ जायेगा तब शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वतखोर के माध्यम से पकड़वाई गई राशि कोर्ट से मिलने के बाद विशेष कोष में जमा हो जाएगी जिससे फंड ज्यों का त्यों रहेगा।
अब शिकायतकर्ता को नहीं करना होगा वर्षों इन्तजार
बता दें भ्रष्टाचारियों को पकड़वाने कई शिकायतकर्ता अपनी मूल राशि वापस पाने के लिए वर्षों इन्तजार करते हैं क्योंकि जब कोर्ट से केस का निपटारा होता है तब आदेश के बाद पकड़ी गई राशि विभाग वापस करता है, विशेष बात ये है कि जब ये राशि वापस होती है तब तक ये कई गुना बढ़ चुकी होती है लेकिन शिकायतकर्ता को मिलती मूल राशि ही है, लेकिन अब शिकायतकर्ता को वर्षों इन्तजार नहीं करना होगा।
अभी लोकायुक्त में, जल्दी ही EOW में भी शुरू होगी
लोकायुक्त पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक शासन ये व्यवस्था अभी उनके यहाँ शुरू करने जा रहा है उम्मीद है ये विशेष फंड ईओडब्ल्यू में भी जल्दी ही शुरू किया जायेगा । मध्य प्रदेश में ये पहली बार है कि शासन ने शिकायतकर्ता की राशि जल्दी लौटाने का निर्णय लेते हुए इसके लिए विशेष कोष बनाया है, राजस्थान में इस तरह की व्यवस्था पहले से है मप्र ने उसे ही देखकर ये पहल की है ।