भोपाल डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 4 दिसंबर को पातालपानी जाएंगे। स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के जननायक क्रांतिकारी बलिदानी टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भाग लेंगे। सीएम ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
हम सभी के श्रद्धा के केंद्र, जनजातीय गौरव, देश की स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक, क्रांतिकारी बलिदानी टंट्या मामा भील जी को नमन करने उनके बलिदान दिवस 4 दिसंबर को मैं पातालपानी आ रहा हूं।
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) November 17, 2021
बिरसा मुंडा की गौरव गाथा को देशभर में फैलाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक और आदिवासी जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर पातालपानी जा रहे हैं। जनजाति गौरव स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक क्रांतिकारी बलिदानी टंट्या मामा भील का 4 दिसंबर को बलिदान दिवस है। मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट करके यह जानकारी दी है।
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स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अमिट अध्याय बन चुके आदि विद्रोही टंट्या भील को आदिवासी भगवान मानते हैं। टंट्या भील ने ब्रिटिश हुकूमत द्वारा ग्रामीण आदिवासी जनता के साथ शोषण और उनके मौलिक अधिकारों के साथ हो रहे अन्याय अत्याचार की खिलाफत की थी।
टंट्या भील का जन्म 1840 में खंडवा में हुआ था और पातालपानी में उनकी समाधि है। टंट्या भील की लोकप्रियता का यह आलम था कि वह अंग्रेजों को लूटते थे और गरीब आदिवासियों में सामान बांट दिया करते थे। इस कारण अंग्रेजों ने इंडियन रोबिन हुड कहते थे। आदिवासी मानते हैं कि टंट्या भील को एक अलौकिक शक्ति प्राप्त थी और इसके कारण वे एक साथ कई जगह पर उपस्थित भी पाए जाते थे। उन्हें जानवरों की भाषा भी आती थी। उन्हें तात्या टोपे ने गुरिल्ला युद्ध में पारंगत बनाया था। अंग्रेजों की शोषण नीति के खिलाफ आवाज उठाने के कारण भी गरीब आदिवासियों में मसीहा के रूप में पूजे जाते थे । आदिवासी समुदाय के बीच में मामा के रूप में लोकप्रिय थे।