भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह (Bhupundra Singh) ने आज गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Puri) से भेंट की। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मध्य प्रदेश (MP News) की प्रगति की विस्तार से जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) Pradhan Mantri Awas Yojana (Urban) की अवधि मार्च 2024 तक बढा़ने का अनुरोध किया।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री पुरी को बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक में हितग्राहियों द्वारा विशेष रुचि ली जा रही है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2022 में 67 हजार 286 हितग्राहियों के प्रस्ताव केन्द्र में स्वीकृति के लिए विचाराधीन हैं। मार्च माह में भी 40 हजार हितग्राहियों ने बीएलसी घटक में आवास के लिये आवेदन किया है, जिनके प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजे जा रहे हैं। भूपेंद्र सिंह ने प्रस्तावों की स्वीकृति के लिये केंद्रीय मंत्री पुरी से अनुरोध किया। श्री पुरी ने अधिकारियों को मध्य प्रदेश के लंबित प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत करने के निर्देश दिये। श्री पुरी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में शहरी विकास योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है।
नदियों एवं जल-स्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखने केंद्र देगा तकनीकी सहयोग
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने राज्य की सभी नदियों एवं जल-स्रोतों को प्रदूषण से 100 प्रतिशत मुक्त रखने के लिये गंगा एक्शन प्लान या अन्य अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन देने का आग्रह किया। श्री पुरी ने इस संबंध में तकनीकी मार्गदर्शन देने के लिये एक टीम मध्य प्रदेश भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
क्लास लर्निंग प्लेटफार्म बनेगा
श्री सिंह ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं गुजरात के नगरीय विकास के अनुभवों को आपस में साझा करने के लिये एक फोरम (क्लास लर्निंग प्लेटफार्म) बनाने का सुझाव दिया। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री पुरी ने सुझाव पर सहमति व्यक्त करते हुए जल्द कार्यवाही के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में मिल रहे केंद्र सरकार के लगातार सहयोग से प्रदेश ने योजना के क्रियान्वयन में देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में बीएलसी घटक में 6 लाख 28 हजार आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं। सभी घटकों में मिलाकर अब तक 8 लाख 68 हजार आवास स्वीकृत हो चुके हैं।