MP News : खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के लिये मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ज्वार, बाजरा की खरीदी 22 नवंबर से शुरू की जा रही है। खरीदी 20 दिसम्बर तक की जायेगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि ज्वार मालदण्डी का 3421 रुपये, ज्वार हाईब्रिड का 3371 रुपये और बाजरा का समर्थन मूल्य 2625 रुपये है। किसानों से एफएक्यू गुणवत्ता की उपज इन्हीं दरों पर उपार्जित की जायेगी।
खाद्य मंत्री राजपूत ने बताया है कि उपार्जन प्रत्येक सप्ताह के सोमवार से शुक्रवार तक होगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि निर्धारित समय पर उपार्जन केन्द्रों पर पहुंचकर ज्वार और बाजरा की बिक्री करें। उल्लेखनीय है कि बाजरा के लिये 9 हजार 854 और ज्वार के लिये 5 हजार 933 किसानों ने पंजीयन कराया है।
ये है भुगतान व्यवस्था
समर्थन मूल्य पर ज्वार एवं बाजरा की खरीदी के बाद भुगतान, कृषक पंजीयन के दौरान आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते में किया जायेगा। ज्वार एवं बाजरा उपार्जन अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों से उपार्जन केन्द्र पर लायी जाने वाली उपज की अवैध बिक्री को रोकने के लिये समुचित कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं।
कंट्रोल रूम सुबह 9 से शाम 7 बजे तक संचालित रहेगा
जिला स्तरीय समिति उपार्जन संबंधी सभी विवादों का अंतिम निराकरण तथा उपार्जित खाद्यान्न की गुणवत्ता की निगरानी करेगी। राज्य स्तर पर एक कंट्रोल-रूम भी स्थापित किया गया है। इसका टेलीफोन नम्बर 0755-2551471 है। उपार्जन अवधि में कंट्रोल रूम सुबह 9 से शाम 7 बजे तक संचालित रहेगा।
ज्वार-बाजरा के लिये 104 उपार्जन केंद्र
ज्वार-बाजरा के उपार्जन के लिये रीवा में 2, सिंगरौली में 3, भिण्ड में 20, दतिया में 4, ग्वालियर में 12, मुरैना में 51 और नर्मदापुरम, शहडोल, पन्ना, नरसिंहपुर, सीधी, सागर, बैतूल, शिवपुरी, विदिशा, बड़वानी, बुरहानपुर और श्योपुर में एक-एक उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं।
धान का उपार्जन 2 दिसम्बर से
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि किसानों की सुविधा की दृष्टि से धान विक्रय के लिये 1412 और मोटा अनाज (ज्वार-बाजरा) के लिये 104 उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं। ज्वार-बाजरा का उपार्जन 22 नवम्बर से और धान का उपार्जन 2 दिसम्बर से होगा।
1412 केंद्रों पर होगा धान का उपार्जन
धान उपार्जन के लिए शासन ने बालाघाट में 185, सतना में 144, जबलपुर में 125, रीवा में 123, सिवनी में 99, कटनी में 84, मण्डला में 67, नर्मदापुरम में 65, सिंगरौली में 58, शहडोल में 55, पन्ना में 47, नरसिंहपुर में 45, सीधी में 43, उमरिया में 42, अनूपपुर में 34, दमोह में 33, डिण्डोरी में 31, रायसेन में 25, सागर में 24, सीहोर में 17, बैतूल में 17, छिंदवाड़ा में 9, शिवपुरी में 8, भिण्ड में 7, दतिया में 7, ग्वालियर में 6, हरदा में 3, विदिशा में 2, मुरैना में 2 और अलीराजपुर, झाबुआ, गुना, भोपाल एवं अशोकनगर में एक-एक उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं।