MP Anganwadi Workers Protest News : मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सरकार को अपनी विभिन्न मांगे पूरी कराने के लिए विभिन्न संगठनो के द्वारा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन और धरने किए जा रहे है, इसी क्रम में प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है। गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका विगत 30 वर्षों से अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्षरत है। मांगों को लेकर कई बार लिखित ज्ञापन भी दिए गए तथा कई बार धरना प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन शासन द्वारा लगातार उपेक्षा कि गई और मांगों का समाधान नही किया गया।
यह है मांग
बता दें कि 15 मार्च 2023 से प्रदेश के महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक को कुल मिलाकर 4000 अधिकारी अनिश्चितकालीन अवकाश में अपनी विभिन्न मांगो को लेकर है जिसमे परियोजना अधिकारियों एवम् पर्यवेक्षक के ग्रेड पे पूरे देश में सबसे कम, प्रदेश के समकक्ष अधिकारियों में भी सबसे कम, संविदा पर्यवेक्षक का नियमतिकरण प्रमुख मुद्दा है। इसके अतिरिक्त 9 सूत्रीय मांगे है। विगत तीस वर्ष से निरंतर ज्ञापन एवं निवेदन माननीय मुख्यमंत्री जी से किया जा रहा है लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नही निकला है।
इन योजना का काम होगा प्रभावित
उक्त अधिकारियों के समर्थन में प्रदेश के 7 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के संघ के 1.10 लाख सदस्यों ने अपना समर्थन दिया है और आंगनवाड़ी को बंद कर दिया है अब उनकी 6 सूत्रीय मांग का समर्थन संयुक्त मोर्चा परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक संघ ने दिया है। जिससे विभाग की लाडली बहना योजना के e-kyc का कार्य,लाडली लक्ष्मी योजना के नए आवेदन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना में विराम लग गया है। इसके साथ 60,000 आंगनवाड़ी केंद्र बंद होने से नियमित पोषण आहार बच्चों को नही मिल पा रहा है।