Sat, Dec 27, 2025

MP News : बिजली चोरी पर सख्ती, अलग अलग मामलों में 364 करोड़ रुपये से अधिक की बिलिंग

Written by:Atul Saxena
Published:
MP News : बिजली चोरी पर सख्ती, अलग अलग मामलों में 364 करोड़ रुपये से अधिक की बिलिंग

Electricity theft in MP : बिजली चोरी रोकने के लिए राज्य सरकार बहुत सख्ती दिखा रही है, सरकार ने इन दिनों विजिलेंस चेकिंग अभियान चला रखा है जिसमें बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जा रही है, उनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज किये जा रहे हैं और जुर्माने की राशि के साथ बिल भी जारी किये जा रहे हैं। इसी क्रम में मध्य क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी ने नवंबर महीने तक कंपनी ने अलग अलग करीब 121 हजार प्रकरणों में लगभग 364 करोड़ रुपये से अधिक की बिलिंग की है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में इन दिनों विजिलेंस चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में इस वर्ष नवंबर माह तक 2 लाख से अधिक कनेक्शन का निरीक्षण किया गया। इनमें से 52 हजार मामले विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 एवं 138 में दर्ज किये गये। कंपनी द्वारा अनियमितताओं के मामलों में लगभग 100 करोड़ 36 लाख रुपये  की बिलिंग की गई है। बिजली चोरी के 32 हजार से अधिक प्रकरण में 79 करोड़ 62 लाख रुपये  की बिलिंग की गई है। साथ ही विद्युत चोरी के 37 हजार 176 प्रकरण में 184 करोड़ 37 लाख रूपये की बिलिंग कर विशेष न्यायालयों में प्रकरण दर्ज कराये गये हैं।

 धारा 135 में अधिकतम 5 साल की सजा

विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 में यदि कोई व्यक्ति सीधे विद्युत लाइन से अथवा मीटर से छेड़छाड़ (टेम्पर्ड) या मीटर को बायपास कर विद्युत का अवैध एवं अनधिकृत रूप से उपयोग कर विद्युत चोरी करते हुए पाया जाता है, तो ऐसे व्यक्ति/उपभोक्ता के प्रकरण को विशेष विद्युत न्यायालय में दर्ज किये जाने पर न्यायालय द्वारा ऐसे व्यक्ति/उपभोक्ता को विद्युत कंपनी को हुई विद्युत क्षतिपूर्ति राशि का 3 गुना अथवा 6 गुना आर्थिक दण्ड के साथ 6 माह से लेकर 5 वर्ष तक की अवधि के कारावास का दण्ड दिये जाने का प्रावधान है।

विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 में इतना जुर्माना

विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 में किसी उपभोक्ता के परिसर में जाँच किये जाने पर यदि किसी प्रकार की अनियमितता जैसे स्वीकृत भार से अधिक भार का उपयोग अथवा दिये गये संयोजन का उपयोग अन्य प्रयोजन में किया जाना अथवा दिये गये परिसर में विद्युत संयोजन का अनधिकृत विस्तार अन्य परिसर में पाये जाने पर संबंधित प्रयोजन के लिए लागू टेरिफ की दरों के दोगुने के बराबर की विद्युत क्षतिपूर्ति की राशि संबंधित उपभोक्ताओं से देय होती है।

धारा 138 में इतनी है सजा और जुर्माना

विद्युत अधिनियम की धारा 138 में विद्युत उपकरणों एवं लाइनों से अनधिकृत रूप से संयोजित अथवा पुनः संयोजित अथवा छेड़छाड़ पाये जाने पर, न्यायालय के द्वारा ऐेसे दर्ज प्रकरणों में तीन वर्ष की अवधि का कारावास या जुर्माना, जो दस हजार रूपये तक हो सकेगा या दोनों दण्डनीय होंगे।

बिजली के अवैध उपयोग की सूचना देने पर मिलेगा पुरस्कार

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली चोरी की रोकथाम के लिए इनामी योजना घोषित की है। अवैध उपयोग की सूचना देने पर निर्धारित शर्तों के अधीन पारितोषिक देने का प्रावधान है। सूचना के आधार पर राशि वसूली होने पर सफल सूचनाकर्ता को 10 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा। इस राशि की अधिकतम सीमा नहीं है।

लिखित या फोन पर दी जा सकती हैं बिजली चोरी की सूचना

बिजली के अवैध उपयोग एवं चोरी के संबंध में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी मुख्यालय एवं क्षेत्रीय मुख्यालयों के अलावा क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को भी लिखित अथवा दूरभाष पर सूचना दी जा सकती है। सूचनाकर्ता की जानकारी गोपनीय रखने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की रहेगी। कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी को सूचनाकर्ता नहीं माना जाएगा। सूचनाकर्ता को प्रोत्साहन राशि का भुगतान कंपनी मुख्यालय से किया जाएगा। प्रोत्साहन राशि सीधे सूचनाकर्ता के बैंक खाते में जमा की जाएगी।

अधिकारियों कर्मचारियों को भी मिलेगी प्रोत्साहन राशि

प्रकरण बनाने एवं राशि वसूली करने वाले विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी ढ़ाई प्रतिशत राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। कंपनी मुख्यालय में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विजिलेंस सेल गठित किया गया है। विजिलेंस सेल को भी सूचना भेजी जा सकती है। विजिलेंस सेल का पता है- विजिलेंस सेल, कार्यालय प्रबंध संचालक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, निष्ठा परिसर, गोविन्दपुरा, भोपाल। इसके अलावा कंपनी के टोल फ्री नंबर 1912 अथवा 0755-2551222 अथवा UPAY एप पर भी सूचना देने का विकल्प है।