भोपाल।
मध्यप्रदेश समेत तीन राज्यों की हार के बाद भाजपा को बड़ा झटका लगा है। 15 साल सत्ता में राज करने के बाद अब भाजपा विपक्ष में बैठने जा रही है। वर्तमान में 109 विधायकों वाले इस मजबूत विपक्ष का नेता कौन होगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। हालांकि निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज के नाम की चर्चा जोरों पर है।
खबर है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शिवराज को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दे सकते है। साथ ही वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह भी प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।वही विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी भाजपा मिलना तय है, ऐसे में विधानसभा उपाध्यक्ष के नाम पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है।माना जा रहा है कि इनमें से ही किसी एक को यह पद दिया जा सकता है।
दरअसल, आज गुरुवार का दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होना है। इसमें तीनों राज्यों में मिली हार की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर भी पार्टी में जोड़-तोड़ शुरू हो चुकी है। बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम की चर्चा की जा सकती है है। बताया जा रहा है कि संगठन लोकसभा चुनाव तक शिवराज को ही इस भूमिका में रख सकता है। इसलिए नेता प्रतिपक्ष के रुप में शिवराज का नाम आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही हार से सबक लेते हुए संगठन को मजबूत करने पर बी जोर दिया जाएगा।खबर है कि लोकसभा चुनाव से पहले तमाम खामियों को दूर कर पार्टी नए सिरे से संगठन को तैयार करेगी। कुछ नए चेहरों को भी मौका देने की संभावना जताई जा रही है।संगठन को फिर से कसने के लिए जिलाध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों के स्तर पर भी बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है।
राकेश सिंह का इस्तीफा नामंजूर
वही 15 सालों तक मध्यप्रदेश की सत्ता में रही बीजेपी को इस चुनाव में मिली हार के बाद राज्य के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने हार की जिम्मेदारी लेते लेते हुए गुरुवार सुबह अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया। इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए शाह ने राकेश सिंह ने कहा कि वह पार्टी के लिए प्रदेश में और कड़ी मेहनत करें।