भोपाल। मध्यप्रदेश अजब है, यहां के हर कारनामे भी गजब हैं, प्रदेश के एक अफसर का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिससे चुनावी दौर में प्रदेश सरकार की किरकिरी हो गई है। विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने प्रदेश में 26 नवंबर से 28 नवंबर तक शराब की दुकाने बंद रखने का आदेश दिया है। इसी को आधार बनाते हुए वाणिज्यिक कर मंत्रालय के प्रभारी पीएस डॉ.गोविल ने वहां शराब बंद रखने की अपील कर दी जहां शराबबंदी लागू है और शराब की दुकान ही नहीं है।
प्रदेश में सीमावर्ती राज्यों से शराब तस्करी रोकने के लिए पांच राज्य की सरकारों से एमपी की सीमा से लगी शराब दुकानोंं को बंद रखने के लिए डॉ. गोविल ने एक पत्र लिखा है। इन पांच राज्यों में उन्होंने गुजरात सरकार को भी शामलि किया है। उनके इस कदम से प्रदेश सरकार की किरकिरी हो गई है। सर्वविदित है कि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है। ऐसे में वहा शराब की कोई दुकान नहीं है। जब दुकान नहीं है तो फिर बंद किसे रखा जाएगा। पीएस के पत्र पर अब मंत्रालय के अन्य अफसर ही चुटकी ले रहे हैं।
शराब प्रतिबंध के कारण गुजरात में मध्यप्रदेश की तरह देशी और विदेशी शराब की दुकानें संचालित नही होती है उसके बावजूद वाणिज्यिक कर विभाग मंत्रालय के प्रभारी पीएस डॉ.मनोज गोविल से उप सचिव अदिति कुमार त्रिपाठी ने मध्यप्रदेश की सीमा से लगी गुजरात की शराब दुकानों को दिनांक 26/11/2018 से मध्यप्रदेश में मतदान दिनांक 28/11/2018 तक के लिए बंद रखने का पत्र गुजरात सरकार को लिखवा दिया है । इसके पीछे संदेह जताया है कि चुनाव के समय गुजरात से मध्यप्रदेश में शराब लाई या भेजी जा सकती है । जब भोपाल मंत्रालय में इस पत्र की खबर फैली तो कई वरिष्ठ अधिकारी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। मंत्रालय में इसकी चर्चा जौरों पर है । प्रभारी पीएस डॉ.मनोज गोविल हंसी का पात्र बने हुए हैं और उप सचिव अदिति कुमार त्रिपाठी इस पत्र को दबाने में लगे हैं।