MP में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 52 हजार रुपये हुई, कैलाश विजयवर्गीय बोले- ये प्रदेश के विकास की गति को दर्शाता है

अब चंबल के बीहड़ क्षेत्र में नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत पानी आने वाला है जिससे सिंचाई होगी इसके साथ ही झांसी यूनिवर्सिटी से सम्बद्धता लेकर सरकार हॉर्टिकल्चर कॉलेज भी खोलने जा रही है।

Atul Saxena
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MP Budget 2025 : मध्य प्रदेश सरकार ने आज विधानसभा में अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश किया (MP Budget 2025), इससे पहले कल वित्त मंत्री ने मध्य प्रदेश का आर्थिक सवेक्षण प्रस्तुत किया था जिसमें प्रदेश और सरकार की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय अब बढ़कर 1 लाख 52 हजार रुपये हो गई है जो प्रदेश की विकास को दर्शाती है।

मध्य प्रदेश सरकार ने आज बजट पेश करने से पूर्व कैबिनेट की बैठक की जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया जिसमें प्रति व्यक्ति आय के बारे में जानकारी दी गई।

प्रति व्यक्ति आय का बढ़ना अर्थात प्रदेश की विकास की गति का बढ़ना : कैलाश 

उन्होंने सरकार की नीतियों की तारीफ करते हुए कहा  कि 2003 तक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय मात्र 20 हजार रुपये थी जो अब बढ़कर 1 लाख 42 हजार रुपये से ज्यादा हो गई है आय में वृद्धि होने प्रदेश के विकास की गति को दर्शाता है और इसी गति से हमारा बजट भी है ये विकास का बजट है इसमें सभी पहलुओं को छुआ है।

चंबल के बीहड़ की जमीन का सदुपयोग होगा 

कैबिनेट के फैसलों की चर्चा करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि आज कई बिन्दुओं पर चर्चा हुई है इसमें चंबल के बारे में महत्वपूर्व फैसला लिया गया है, उन्होंने कहा पहले चंबल का बीहड़ डकैतों के नाम से विख्यात था लेकिन डाकू खत्म हो चुके हैं,अब उस जमीन का सदुपयोग होगा।

चंबल में खुलेगा हॉर्टिकल्चर कॉलेज

उन्होंने कहा अब चंबल के बीहड़ क्षेत्र में नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत पानी आने वाला है जिससे सिंचाई होगी इसके साथ ही झांसी यूनिवर्सिटी से सम्बद्धता लेकर सरकार हॉर्टिकल्चर कॉलेज भी खोलने जा रही है।  कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इसमें केंद्र सरकार की तरफ से 1000 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी, कॉलेज का लाभ सिर्फ चंबल ही नहीं मध्य प्रदेश को होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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