भोपाल।
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा द्वारा उम्मीदवार खड़ा करने के बाद घमसान शुरू हो गया है। कांग्रेस ने जहां एनपी प्रजापति को उम्मीदवार बनाया है वही बीजेपी ने आदिवासी कार्ड खेलते हुए पूर्व मंत्री विजय शाह को मैदान में उतारा है।अब मंगलवार को विधानसभा में वोटिंग कराई जाएगी, लेकिन इसके पहले दोनों दल के नेता आमने सामने हो गए और एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन सहयोगियों के समर्थन से कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुई है। वहीं निर्दलीय और अन्य पार्टी के विधायकों को साधते हुए सरकार को अग्निपरीक्षा से गुजरना है, उससे पहले विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया। संख्या बल न होने के बाद भी भाजपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है, जिसके चलते सस्पेंस बना हुआ है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होने पर यह भी संभावना है कि फिर उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की परंपरा को तोड़कर कांग्रेस चुनाव कराए। फिलहाल दोनों ही पार्टी के नेताओं को जीत का दावा कर रहे हैं और नेताओं में एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। इसके लिए मंगलवार को वोटिंग करवाई जाएगी, इसके बाद ही फैसला हो पाएगा कि 15 वीं विधानसभा का अध्यक्ष कौन होगा।
जाने किसने क्या कहा
प्रदेश में अल्पमत सरकार बैठी है। प्रदेश में अल्पमत सरकार है तो डगमगाएगी, इसलिए शक्ति परीक्षण भी अनिवार्य है। कल पता लगेगा कि झटका देंगे या नहीं।
-डॉ. सीताशरण शर्मा, पूर्व विधानसभा स्पीकर
बीजेपी अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है। परंपराओं पर कुठाराघात कर रही है। बीजेपी को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। कल हम सब बता देंगे क्या होने वाला है।
-सज्जन सिंह वर्मा, पीडब्ल्यूडी मंत्री
कांग्रेस सरकार अल्पमत वाली सरकार है। जरूरत पड़ी तो विधानसभा स्पीकर के बाद डिप्टी स्पीकर के लिए भी खड़ा करेंगे ।फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष को लेकर फैसला हो जाए।
-भूपेंद्र सिंह, पूर्व गृहमंत्री
विधानसभा में अध्यक्ष पद के लिये चुनाव की परंपरा रही है। ऐसे में बीजेपी ने भी उम्मीदवार खड़ा किया है। पार्टी पूरी ताकत के साथ विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव लड़ेगी। हमें उम्मीद है कि अध्यक्ष पद का चुनाव हम ही जीतेगे। ऐसे में अगर कांग्रेस विधानसभा उपाध्यक्ष के लिये भी अपना उम्मीदवार उतारती है, तो ये उनका अधिकार है।
-नरोत्तम मिश्रा , पूर्व मंत्री
पंरपरा टूटेगी, डिप्टी स्पीकर पर नुकसान
सूत्रों की माने तो इस पूरी कवायद का एक नुकसान भाजपा को सीधा हो रहा है। प्रोटोकॉल के हिसाब से विपक्षी दल को डिप्टी स्पीकर का पद दिया जाता है, लेकिन स्पीकर का चुनाव होने के कारण कांग्रेस अब भाजपा को डिप्टी स्पीकर का पद नहीं देगी। ऐसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की परंपरा को तोड़कर चुनाव करवा सकती है। वही कहा जा रहा है कि निर्विरोध अध्यक्ष नहीं बनने की स्थिति में कांग्रेस विधानसभा उपाध्यक्ष का विपक्ष को दिया जाने वाला पद अपने या अपने सहयोगी दल या निर्दलीय विधायकों को दे सकती है। उपाध्यक्ष के लिए कांग्रेस अपने असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं को प्रत्याशी बनाकर उनकी नाराजगी को कम कर सकती है।