कांग्रेस (Congress) को झटका देते हुए बीजेपी (bjp) में शामिल हुए मांधाता सीट से विधायक रहे नारायण पटेल (Narayan Patel) का बड़ा बयान सामने आया है। नारायण पटेल का कहना है कि भाजपा परिवार में शामिल होकर खुशी महसूस कर रहा हूं। कांग्रेस सरकार के 15 महीनों के शासन में कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे थे। इतना ही नही पटेल ने आगे कांग्रेस से बेहतर बीजेपी की कार्यशैली को बताते हुए कहा कि देश और प्रदेश में भाजपा सरकारों के काम करने की शैली अलग है। मध्यप्रदेश में शिवराज ने विकास की गंगा बहाई है। मेरे अपने क्षेत्र में भी भाजपा सरकार ने अनेक विकास कार्य और परियोजनाएं शुरू की हैं। उसी को देखते हुए मैंने स्वेच्छा से भाजपा की सदस्यता ली है।
इससे पहले बुधवार देर शाम जैसे ही मीडिया मे खबर आई कि पटेल बीजेपी नेताओं के संपर्क में है तो कांग्रेस में खलबली मच गई। आनन-फानन में कांग्रेस के तमाम आला नेताओं ने इनसे संपर्क करना शुरु कर दिया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा अपने विधायकों से लगातार संपर्क रहने की जिम्मेदारी संभाल रहे वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी उनसे संपर्क करने का प्रयास किया मगर उनकी भी पटेल से बात नहीं हो सकी।इसके बाद न उनसे घर पर संपर्क हो पा रहा है, न मोबाइल से ही बात हो पा रही है।हालांकि उनके बेटे से संपर्क हुआ लेकिन कोई खास नतीजा नही निकला।
इसी बीच कांग्रेस को जानकारी लगी कि विधायक ने इंदौर से 80 लाख का लोन लिया है। यह ऋण क्यों लिया गया और किसलिए लिया गया, इसे बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। पार्टी के तमाम नेता विधायक नारायण पटेल की जब तलाश में जुटे थे तब पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव की उनसे बात हुई। उन्होंने अपने आपको सकुशल बताया तो पार्टी नेताओं को सुकून मिला।वही फोन बंद होने के बाद पटेल ने फेसबुक पर लिखा था कि मेरे बारे में चल रहीं खबरें अफवाह हैं। लेकिन इसके बाद गुरुवार दोपहर अचानक कांग्रेस विधायक पटेल ने इस्तीफा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सौंपा और बीजेपी मे शामिल हो गए। कांग्रेस इसके पहले कुछ समझ पाती बीजेपी ने खेल कर दिया।इस पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है, एक के बाद एक कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस कमजोर होती जा रही है।वही बीजेपी द्वारा दावा किया जा रहा है आने वाले दिनों में और भी विधायक बीजेपी में शामिल होंगे।हालांकि मीडिया में भी 3-4 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं है, इधर कांग्रेस ने फिर विधायकों को साधना शुरु कर दिया है।अब देखना है कि अगला विधायक कौन होता है।
बता दे कि नारायण पटेल के इस्तीफे के साथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 89 रह गई है। लगातार विधायकों के इस्तीफे कांग्रेस को कमजोर और बीजेपी को मजबूत कर रहे है। हालांकि कमलनाथ और कई बडे नेता विधायकों को साधने में लगे हुए है, लेकिन इस्तीफों को देखकर तो ऐसा ही लगता है कि नतीजा कुछ निकल नही रहा। वहीं, वर्तमान में बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बीजेपी को सरकार में रहने के लिए अब सिर्फ 9 विधायकों की आवश्यकता है। अब ये 27 सीटों पर उपचुनाव ही तय करेंगे कि प्रदेश में किसकी सत्ता होगी औऱ किसके सिर जीत का ताज सजेगा।