भोपाल।
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार (Shivraj cabinet expansion) के बाद चर्चा का विषय बना मंत्रियों के विभागों का बंटवारा (Division of departments) आखिरकार 11वें दिन रविवार देर रात हो ही गया। भले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्रियों (Jyotiraditya Scindia pro ministers) को पसंद के विभाग मिले लेकिन इस पूरे बंटवारे में खास बात ये रही कि संकटमोचक कहलाए जाने वाले नरोत्तम मिश्रा (Narottam mishra) शिव’राज’में एक बार फिर पावर फुल हो गए।ऑपरेशन लोटस में अहम भूमिका निभाने वाले नरोत्तम का दबदबा विभागों के बंटवारे में भी साफ दिखाई दिया।मुख्यमंत्री के बाद अगर सरकार में सबसे पावरफुल मंत्री के तौर पर देखे तो सबसे पहले नाम संकटमोचक नरोत्तम मिश्रा (Troubleshooter Narottam Mishra) का है।
दरअसल, एमपी (MP) में बीजेपी (BJP) की सरकार बनाने वाले नरोत्तम का ना सिर्फ कद बढ़ा बल्कि चार विभागों के साथ दबदबा भी बना है। 4 विभागों के मंत्री बनने के बाद शिवराज सरकार में एक बार फिर नरोत्तम मिश्रा ने अपनी ताकत दिखाई है। मिश्रा को गृह के साथ जेल, संसदीय कार्य और विधि विभाग मंत्री की भी जिम्मेदारी मिली है।बंटवारे के पहले उनके पास स्वास्थ्य और गृहमंत्री का विभाग था, लेकिन बंटवारे के बाद एक की कमी हुई तो तीन नए विभागों का जिम्मा मिला। इसी के साथ नरोत्तम शिवराज सरकार में सबसे ज्यादा विभाग पाने वाले मंत्री बन गए है।
इतना ही नही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए तीन मंत्रियों को भी नरोत्तम मिश्रा ने अपने रुतबे के चलते मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण विभाग दिलवाए है। इसमें एंदल सिंह कंसाना पीएचई, बिसाहूलाल सिंह खाद्य एवं आपूर्ति, हरदीप सिंह डंग को पर्यावरण एवं नवीकरणीय ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गए है।इन तीनों मंत्रियों को बीजेपी में शामिल करवाने में नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका रही। मुख्यमंत्री के बाद अगर सरकार में सबसे पावरफुल मंत्री के तौर पर देखे तो सबसे पहले नाम संकटमोचक नरोत्तम मिश्रा का है।
कौन है नरोत्तम मिश्रा
नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश की सियासत में बीजेपी का बडा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं।शिवराज सरकार के पिछले 3 कार्यकाल में भी वह मंत्री रह चुके हैं। वही तीन बार लगातार दतिया से जीतते चले आ रहे हैं। केंद्रीय नेताओं से अच्छे संपर्क और ग्वालियर-चंबल संभाग की भविष्य की राजनीति को साधने के लिए वे पहली बार में ही मंत्री बनाए गए। मिश्रा को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) का करीबी माना जाता है, यह वजह है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए नरोत्तम मिश्रा को 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी के कानपुर की लोकसभा सीट का प्रभारी नियुक्त किया था। कमलनाथ सरकार (Kamalnath sarkar) के पतन में भी नरोत्तम की अहम भूमिका रही। भले ही एमपी में कितने ही बडे नेता हो लेकिन राजनीति के मैदान में वर्चस्व कायम करते हुए मिश्रा अलग ही पहचान बनाए हुए है।यही कारण है कि मध्य प्रदेश की सियासत में बीजेपी पर जब भी परेशानी आई है तो नरोत्तम मिश्रा संकटमोचक के रूप में खड़े नजर आए हैं।