एमपी उपचुनाव (MP Bye Election) से पहले कांग्रेस (congress) में जमकर घमासान मचा हुआ है, अंतर्कलह और गुटबाजी पार्टी पर तेजी से हावी हो रही है, जिसकते चलते आए दिन विधायक-नेता अपनी ही पार्टी को निशाने पर ले रहे है। अब हमेशा अपने बयानों से चर्चाओं में रहने वाले पूर्व मंत्री और कांग्रेस के युवा विधायक उमंग सिंघार (Former Minister and Youth Congress MLA Umang Singhar) ने ईद (eid) के बहाने आज एक बार फिर अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा है।सिंघार का कहना है कि कुछ लोग स्वार्थ के लिये पार्टी को कुर्बान करने पर लगे।हालांकि यह पहला मौका नही है, इससे पहले भी सिंघार कई बार पार्टी और दिग्गज नेताओं को घेर चुके है।
दरअसल, सिंघार ने ट्वीट कर लिखा है कि भारत के स्वतन्त्रता संग्राम से लेकर आज तक कांग्रेस में अनेक नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं नेहरू गांधी परिवार का कुर्बानी का इतिहास रहा है लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिये युवा नेतृत्व एवं देश की सबसे पुरानी पार्टी को कुर्बान करने पर लगे हैं। ईद मुबारक ।खास बात ये है कि ये ट्वीट सिंघार ने @INCIndia और @RahulGandhi को भी टैग किया है और युवा नेतृत्व को कुर्बान करने की बात कही है। सिंघार के इस ट्वीट के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। ट्वीट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है।चुंकी हाल ही में युवा नेतृत्व को लेकर कांग्रेस के कई घटनाक्रम सामने आए थे, जिस पर बीजेपी ने भी जमकर चुटकी ली थी।
यह पहला मौका नही है जब सिंघार नेट्वीट किया हो। इसके पहले भी सिंघार कई बार संगठन और पार्टी नेताओं पर सवाल खडे कर चुके है। हाल ही में सिंघार ने ट्वीट कर लिखा था कि आज का वक्त खुद को नेता बनाने का नहीं, पार्टी और संगठन को मजबूत करने का वक्त है।सिंघार ने ये ट्वीट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को टैग किया है। इसके पहले सिंघार ने लिखा था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार का एनकाउंटर करने वाला विकास दुबे कौन है। उसका उपचुनाव में हम सबको मिलकर एनकाउंटर करना जरूरी है।
बता दे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और 22 विधायकों की बगावत के बाद से ही कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। एक के बाद कांग्रेस विधायकों के दल बदलने का सिलसिला लगातार जारी है। हाल ही में तीन विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे और आगे भी चार-पांच विधायकों के शामिल होने की खबर है, ऐसे में उपचुनाव से पहले कांग्रेस में फूट प़ड़ती दिखाई दे रही है।आए दिन कांग्रेस नेता अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े कर रहे है।सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक ट्वीट वार चल रहा है। अगर कांग्रेस ने जल्द ही इस पर रोक नही लगाई तो इसका हर्जाना उपचुनाव में भरना पड़ सकता है।