मध्य प्रदेश की बिजली कम्पनियों में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों और पेंशनर्स को अब महंगे इलाज की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि अब वे बीमारी की स्थिति में अस्पताल में कैशलेस इलाज करवा सकेंगे, उनके लिए स्वास्थ्य योजना को मंजूरी दे दी गई है, योजना के तहत सहयोगी कंपनी के लिए आज टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि प्रदेश के सभी 6 विद्युत कंपनियों में अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना स्वीकृत कर दी गई है। मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों में कार्यरत अभियंता व कार्मिकों के लिए बहुप्रतीक्षित पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना (एमपीपीसीएचएस) के क्रियान्वयन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
लगभग एक लाख 82 हजार होंगे लाभान्वित
मंत्री तोमर ने बताया है कि इस योजना का लाभ प्रदेश की 6 विद्युत कंपनियों में कार्यरत नियमित कार्मिकों, संविदा कार्मिकों व विद्युत कंपनियों के पेंशनरों और उनके परिजन को मिलेगा। इनकी संख्या लगभग एक लाख 82 हजार है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी को प्रदेश की विद्युत कंपनियों में पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। ये एक प्रकार की कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है।
सहायता एजेंसी के लिये ई-टेंडर जारी
मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने जानकारी दी कि पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना के कार्यान्वयन के लिये 15 जुलाई को ई-टेंडर जारी कर दिया गया है। इस योजना के कार्यान्वयन सहायता एजेंसी (आईएसए) चयन के लिये भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा लाइसेंस प्राप्त किसी मौजूदा तृतीय पक्ष प्रशासक (टीपीए) या उसकी होल्डिंग कंपनी या उसकी सहायक कंपनी या उसकी समूह कंपनी, जिन्हें इस क्षेत्र में कार्य करने का लम्बा अनुभव हो, उनसे टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना के लिए प्री-बिड मीटिंग 24 जुलाई को होगी।
एक अक्टूबर 2025 तक योजना प्रारंभ करने का लक्ष्य
विद्युत कंपनियों के लिए पॉवर कंपनी अंशदायी कैशलेस स्वास्थ्य योजना के क्रियान्वयन करने को इच्छुक कंपनियां 18 अगस्त तक टेंडर प्रक्रिया में अपनी निविदा जमा कर सकेंगी। आगामी 20 अगस्त को ई-टेंडर खोले जाएंगे। पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक सिंह ने बताया है कि योजना एक अक्टूबर 2025 तक प्रारंभ करने का लक्ष्य है।





