राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 1 ऐप तैयार किया गया है। इसके तहत जिला और विकासखंड स्तर पर इस व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जाएगी। वही मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
ऑनलाइन टेक्स्ट बुक वितरण ट्रैकिंग मोबाइल एप तैयार
दरअसल मध्य प्रदेश के स्कूलों में पाठ्य पुस्तक का वितरण नवंबर दिसंबर के महीने में पूरा किया जाता था। इस सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नई पहल की गई है। इसके तहत छात्रों को समय पर किताबें उपलब्ध होगी या नहीं।इसकी जानकारी मोबाइल ऐप से ट्रैक की जाएगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन टेक्स्ट बुक वितरण ट्रैकिंग मोबाइल एप तैयार किया गया है।
पाठ्य पुस्तकों की ट्रैकिंग की जाएगी
इससे सत्र 2023 24 की पहली से 12वीं तक की पाठ्य पुस्तकों की ट्रैकिंग की जाएगी। मध्य प्रदेश ऐसी व्यवस्था करने वाला प्रथम राज्य बनने वाला है। हर साल मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम की ओर से प्रदेश भर के छात्रों के लिए 7 करोड़ पाठ्यपुस्तक छपवाई जाती है।
वहीं राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक लोकेश कुमार जांगिड़ का कहना है कि विद्यार्थियों को किताबें उपलब्ध हुई है। इसकी ट्रैकिंग अब आसानी से की जाएगी। देर हो रही है तो किस स्तर पर देरी हो गई है। इसकी भी जानकारी उपलब्ध होगी। जिसके बाद तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
यह होगी प्रक्रिया
ट्रेकिंग के माध्यम से प्रदान करने और वितरण की मॉनिटरिंग राज्य जिला और विकासखंड स्तर पर की जाएगी पहले चरण में पाठ्यपुस्तक ट्रैकिंग प्रणाली में मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के डिपो से पुस्तकों को विकासखंड स्तर पर भेजा जाएगा। विकासखंड स्त्रोत समन्वयक द्वारा मोबाइल ऐप के माध्यम से बंडल के जियो टैग फोटो के साथ इसकी प्राप्ति रिकॉर्ड की जाएगी।
वही किताब यदि क्षतिग्रस्त होती है या कम पहुंचती है तो 15 दिन के अंदर इसकी जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज कराना अनिवार्य होगा। ऐप के माध्यम से स्कूल में कक्षा के अनुसार छात्रों की संख्या दर्ज की जाएगी। बीआरसी की ओर से डिस्पैच ऑर्डर तैयार किया जाएगा जबकि विकासखंड स्तर से जैसे ही स्कूल का डिस्पोजल लॉक किया जाएगा। संबंधित संस्था प्रमुख को मोबाइल एप पर उनके लॉगिन पर यह जानकारी दिखाई देने लगेगी। इसके लिए किताबों को ट्रांसपोर्ट करने रूट चार्ट तैयार किया गया। जिसके माध्यम से ट्रैकिंग की जाएगी। मोबाइल ऐप पर कक्षा अनुसार बच्चों के नाम प्रदर्शित होंगे जिसके बाद पुस्तकों का वितरण बच्चों को किया जाएगा।