MP School Education Report 2022 : मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा व्यवस्था को सुधार किए जाने के लिए कई नवीन प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा कई तरह के प्रयोग भी किए गए हैं। बावजूद इसके कई जिलों में परिणाम सार्थक नजर नहीं आ रहे हैं। शनिवार को राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जिलावार स्कूल शिक्षा एजुकेशन क्वालिटी की रिपोर्ट कार्ड तैयार की गई है। इसकी रैंकिंग में राजधानी भोपाल 29 नंबर पर है।
दरअसल राजधानी टॉप 20 में अपनी जगह नहीं बना सका है। भोपाल रैंकिंग में 65.85% अंक मिले हैं। हालांकि पिछली तिमाही के मुकाबले भोपाल ने स्कूली शिक्षा में सुधार के नवीन प्रयास किए। इसके साथ ही 22 पायदान की छलांग लगाने में सफल रहे। इसके बाद भी भोपाल का टॉप 20 में जगह हासिल ना करना चिंता का बड़ा विषय है।
बता दें कि राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जून जुलाई और अगस्त की तिमाही की रिपोर्ट पेश की गई थी। जिसमें भोपाल 51 नंबर पर रहा था। इस आंकड़े की तुलना में यह अवश्य कहा जा सकता है कि भोपाल में स्कूली शिक्षा को मजबूत करने में कारगर कदम उठाए हैं।
टॉप टेन जिलों के नाम
राज्य स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा मिशन अंकुर लॉन्चिंग कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा की रिपोर्ट कार्ड पेश की गई। जिनमें टॉप 10 में जगह बनाने में कई छोटे जिले शामिल रहे हैं। इनमें खंडवा छतरपुर शहडोल बालाघाट पन्ना सिवनी जबलपुर गुना और बैतूल टॉप टेन में अपनी जगह कायम करने में सफल रहा है।
प्रदेश भर में टॉप पर खंडवा
इस मामले में राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने कहा कि स्कूल में सितंबर अक्टूबर-नवंबर में हुए हर काम और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर का बंटवारा किया गया है। ए ग्रेड और 78.28% की रैंकिंग के साथ खंडवा प्रदेश भर में टॉप में अपनी जगह बनाने में सफल रहा है।
इन मुद्दों पर किया गया आकलन
जिन मुद्दों पर आकलन किया गया। उसमें बच्चों के नामांकन और ठहराव के अलावा सुशासन प्रक्रिया स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर और भौतिक सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षकों का व्यवसायिक विकास और गुणवत्ता शैक्षिक उपलब्धि को शामिल किया गया।
जारी रिपोर्ट कार्ड में चौकाने वाले खुलासे
जारी रिपोर्ट कार्ड में जो आंकड़े खुलकर सामने आए हैं, और कक्षा 1 से 3 तक में पढ़ने वाले 25 लाख छात्रों में से करीब 80% छात्र अक्षर पहचाना नहीं जानते हैं जबकि 75% छात्रों को शब्दों के उच्चारण में समस्या है। वहीं 50% बच्चे शब्दों को जोड़कर वाक्य बनाने में असफल रहे हैं।
राज्य शासन की नई तैयारी
आने वाले आंकड़े के बाद अब राज्य शासन द्वारा नई तैयारी की जा रही है।स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहली से तीसरी कक्षा की स्थिति पर नया प्लान तैयार किया जा रहा है। रेत पर बच्चों से लिखवाने से लेकर लोकल भाषाओं में किताब तक बनाए जाने के प्रयोग किए जाएंगे।
मिशन अंकुर कार्यक्रम शुरू
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की पहल मिशन अंकुर कार्यक्रम शुरू किया गया। निपुण भारत मिशन के तहत राज्य का FLN. मिशन है। कक्षा तीन तक के छात्रों को सीखने के परिणाम बढ़ेंगे। इसमें 2755 स्कूलों के 27000 छात्रों को शामिल किया जाएगा। 52 जिलों के सभी प्रखंडों में प्रतिनिधि रखा जाएगा प्रत्येक ब्लॉक में 10 स्कूलों का चयन किया गया है। ग्रामीण और शहरों के बीच 80:20 के अनुपात रखे गए हैं।