MP School : प्रदेश में स्कूलों में आयोजित होगा दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव, स्कूल शिक्षा विभाग का आदेश जारी

आदेश के तहत ये आयोजन 20 जुलाई और 21 जुलाई को होंगे। दोनों दिन क्या क्या कार्यक्रम होंगे विभाग ने इसकी डिटेल भी आदेश में दी है।

Atul Saxena
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Guru Purnima

MP School : गुरु पूर्णिमा 2024, 21 जुलाई को मनाई जाएगी, लोग अपने अपने गुरु का आशीर्वाद लेने उनके पास जायेंगे उनका पूजन करेंगे, मंदिरों सहित अन्य धार्मिक स्थलों, पीठों पर आयोजन होंगे, वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश के स्कूलों में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने का आदेश दिया है, आदेश का पालन सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों को करना होगा।

मप्र के स्कूलों में 20 और 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम 

मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर मध्य प्रदेश के शासकीय और प्राइवेट स्कूलों में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने के निर्देश दिए हैं, आदेश के तहत ये आयोजन 20 जुलाई और 21 जुलाई को होंगे। दोनों दिन क्या क्या कार्यक्रम होंगे विभाग ने इसकी डिटेल भी आदेश में दी है।

दोनों दिन अलग अलग कार्यक्रमों के आदेश जारी 

शिक्षा विभाग के आदेश में कहा गया है कि 20 जुलाई को प्रार्थना के बाद शिक्षकों द्वारा गुरु पूर्णिमा के महत्व,और पारंपरिक गुरु शिष्य संकृति पर महत्व डाला जायेगा, इसके बाद प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति पर प्रभाव विषय पर निबंध लेखन कराया जायेगा। 21 जुलाई को स्कूलों में सरस्वती वंदना, गुरु वंदना, एवं दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण होगा, इस अवसर पर गुरुजनों और शिक्षकों का सम्मान किया जायेगा फिर शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा गुरु संस्मरण पर भाषण होंगे।

सीएम डॉ मोहन यादव के निर्देश पर हो रहे कार्यक्रम 

शिक्षा विभाग ने आदेश में कहा है कि 21 जुलाई के मुख्य कार्यक्रम में साधु संत, गुरुजन, शिक्षक, सेवानिवृत शिक्षक, पूर्व छात्रों को भी आमंत्रित किया जाये, आपको बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 1 जुलाई को कैबिनेट की मीटिंग में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने के निर्देश दिए थे जिसके तहत स्कूलों में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया जायेगा।

MP School : प्रदेश में स्कूलों में आयोजित होगा दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव, स्कूल शिक्षा विभाग का आदेश जारी


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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