भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में लापरवाही पर कार्रवाई (MP Suspend) का सिलसिला जारी है। बड़ी कार्रवाई राजधानी भोपाल में की गई है। जहां चिकित्सकों द्वारा गंभीर लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया है। गर्भ में दो शिशुओं को सोनोग्राफी में एक बताने पर भोपाल चिकित्सक को सोनोग्राफी से रोक दिया गया है।
उन पर 1 साल की रोक लगाई गई है। वहीं छिंदवाड़ा के चिकित्सक एसी खुराना द्वारा यह गलती करने पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखा गया है। अरविंदो मेडिकल कॉलेज में एक मरीज को गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में वहां के तत्कालीन ब्लड बैंक अधिकारी के पंजीयन को 1 साल के लिए निलंबित किया गया है।इसके अलावा निकारागुआ के एमडी की डिग्री मान्य नहीं होने की वजह से अतिरिक्त योग्यता के पंजीयन को निरस्त किया गया है।
एक अन्य कार्रवाई नीमच में की गई है। जहां पटवारी को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल किसान द्वारा कुछ वीडियो वायरल किए गए थे। जिसमें आत्महत्या करने से पहले किसान ने बड़े खुलासे किए थे किसान ने बताया था कि सरकारी तंत्र से वह और उसके परिवार वाले परेशान है और आत्महत्या के सिवा किसान के पास और कोई चारा नहीं है।
जीरन थाना क्षेत्र के निवासी बलवंत दास बैरागी किसान मोर्चा के पदाधिकारी है। सरकारी तंत्र से परेशान होकर 10 नवंबर को उन्होंने आत्महत्या की थी, मृतक के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें जमीन विवाद के मामले में मटक के पक्ष में फैसला होने के बावजूद उन्हें पटवारी द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और ₹50 लाख मुआवजे की मांग पर अड़े हुए थे। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अग्रवाल द्वारा गिरदावर और पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
एक अन्य कार्रवाई सागर जिले में की गई है। जहां सरकारी शिक्षकों की एक बेहद ही खतरनाक करतूत सामने आई है। शिक्षक द्वारा नौकरानी को अपने प्रेम जाल में फंसाकर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया है। इतना ही नहीं उसकी नाबालिग बेटी को धर्म परिवर्तन कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। घटना की शिकायत के बाद पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। पूरा मामला बीना के मुड़िया देहरा गांव का है। पुलिस ने आरोपी शिक्षक समीम खान के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की है।
वहीं एक अन्य कार्रवाई गुना जिले में की गई है जहां नगर पालिका गुना अध्यक्ष के पार्टी के चुनाव में अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ मतदान करने वाले 6 पार्षदों को बीजेपी द्वारा नोटिस जारी कर दिया गया है। नपा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी इसमें शामिल है। 7 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं इस कदाचार के लिए उन्हें क्यों ना निष्कासित किया जाए। इस पर भी जवाब मांगा गया है। अगर 7 दिन के भीतर इनके द्वारा कोई उचित जवाब पेश नहीं किया जाता है तो पार्टी द्वारा एकपक्षीय कार्रवाई में उन्हें निष्कासित किया जाएगा।