भोपाल।
आने वाले समय में मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है। संख्या बल के हिसाब से इसमें 2 सीटें कांग्रेस को और एक सीट भाजपा को मिलना तय है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का कार्यकाल खत्म होने को है। प्रभात को राज्यसभा की जिम्मेदारी उनके भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहने से ज्यादा उनकी मीडिया प्रभारी के रूप में प्रदेश भाजपा में उपयोगिता और प्रभावशीलता के चलते मिली थी। इसके चलते यह तय माना जा रहा है कि मीडिया से जुड़ा हुआ कोई व्यक्ति इस पद का दावेदार हो सकता है।
यह भी संभव है कि प्रभात झा को तीसरी बार राज्यसभा की जिम्मेदारी मिले लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो फिर पार्टी की ओर से डॉक्टर हितेश वाजपेई एक योग्य उम्मीदवार हो सकते हैं ।काफी लंबे समय तक भाजपा के मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल चुके हितेश वाजपेई का राजनीतिक कैरियर निष्कलंक रहा है और मीडिया प्रभारी रहते हुए उनके समय पार्टी में जो ऊंचाइयां छुईं वह सर्वविदित है। विशेषकर सोशल मीडिया के क्षेत्र में प्रदेश भाजपा को एक नए आयाम तक ले जाना डॉक्टर वाजपेई की बहुत बड़ी उपलब्धि रही है।
विजेश लुणावत भी एक बड़ा चेहरा है जो इस पद के लिए उपयुक्त हैं। विजेश भी अपनी निर्भीक और ईमानदार के लिए जाने जाते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि पार्टी के सभी बड़े नेताओं के साथ उनका सामंजस्य काफी अच्छा है। साथ ही साथ मीडिया के लोगों से भी उनकी स्वीकार्यता किसी से छुपी नहीं है। पिछले कुछ सालों से भाजपा के शान्त और शालीन चेहरे के रूप में उभर कर सामने आए रजनीश अग्रवाल भी इस पद के एक महत्वपूर्ण दावेदार हो सकते हैं। रजनीश ने कम समय में ही अपनी वाकपटुता और विषय पर पकड़ के चलते अपनी एक अलग छवि बना ली है। इसके अलावा बीजेपी के कुछ अन्य प्रवक्ताओं की दृष्टि भी इस सीट पर गड़ी हुई है। लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान ही लेगा यह तय है।
प्रभात के रिपीट होने के आसार
बता दे कि प्रदेश की तीन सीटों पर चुनाव होना है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल 9 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। लिहाजा मार्च माह में इन चुनावों को कराया जाना है। इसके लिए केन्द्रीय चुनाव आयोग पूर्व में ही विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त कर चुका है।भाजपा में प्रभात झा को एक बार फिर रिपीट किए जाने के आसार हैं। प्रभात लगातार दो बार से एमपी से राज्यसभा में जा रहे हैं। संघ नेताओं से नजदीकियों के चलते उनकी दावेदारी फिर से बन रही है।माना जा रहा है कि अब इसी हफ्ते चुनावी तैयारियों का ऐलान हो सकता है।
ऐसा है वर्तमान गणित
मप्र से राज्यसभा के 11 सदस्य हैं। इनमें कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा व पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल नौ अप्रैल 2019 तक है। रिक्त होने वाली तीन सीटों में से कांग्रेस और भाजपा के एक-एक प्रत्याशी की जीत की संभावना तय है, जबकि तीसरे सदस्य के मामले में हाल फिलहाल कांग्रेस का पलड़ा भारी है। निर्वाचन के लिए कम से कम 58 विधायकों के वोटों की जरूरत है। यानी कांग्रेस और भाजपा अपने एक-एक उम्मीदवार को राज्यसभा में आसानी से पहुंचा सकते हैं। लेकिन तीसरे प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस की राह भाजपा के मुकाबले आसान है। तीसरी सीट के लिए निर्दलीय विधायकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण होगी। एक सदस्य के लिए 58 विधायकों के वोट की जरूरत पड़ती है, इस लिहाज से तीसरी सीट के लिए कांग्रेस के 56 और भाजपा के पास 50 विधायक बचेंगे। कांग्रेस को जहां दो वोट की जुगाड़ करनी होगी, वहीं भाजपा को आठ वोटों की जरूरत होगी। दोनों दलों की नजर निर्दलीय विधायकों पर होगी।