MP Transfer : शिवलिंग तोड़े जाने की घटना और लगातार धर्मान्तरण की घटनाओं के चलते चर्चा और विवादों में आये दमोह के एसपी डी आर तेनीवार (Damoh SP D R Teniwar) को राज्य शासन ने हटा दिया है उन्हें एसएएफ में कमान्डेंट बनाकर ग्वालियर भेजा गया है।
गृह विभाग ने जारी किया आदेश
आज मंगलवार 27 दिसंबर को राज्य शासन के गृह विभाग ने एक तबादला आदेश जारी किया है, इस आदेश में दो IPS अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है, शासन ने दमोह के पुलिस अधीक्षक 2009 बैच के IPS अधिकारी डी आर तेनीवार को वहां से हटाकर 13 वीं वाहिनी एसएएफ ग्वालियर का कमांडेंट बनाया है, शासन ने इसकी जगह 2010 बैच के IPS अधिकारी 13 वीं वाहिनी एसएएफ ग्वालियर के कमांडेंट राकेश कुमार सिंह को पुलिस अधीक्षक दमोह बनाया है।
गौरतलब है कि दमोह में शिवलिंग तोड़े जाने की घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने पिछले दिनों आक्रोश जताया था और दमोह बंद करने का आह्वान किया था, बजरंग दल विश्व हिन्दू परिषद् सहित अन्य हिंदूवादी संगठन जिले में बढ़ते धर्मान्तरण को लेकर भी आक्रोशित थे और इसके लिए एसपी डी आर तेनीवार को जिम्मेदार ठहरा रहे थे, पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जयंत मलैया के 75 वें जन्मदिन पर दमोह पहुंचे थे तब कार्यकर्ताओं ने एसपी हटाओ के नारे भी लगाये थे।
दमोह कोतवाली अंतर्गत कसाई मंडी में स्थित पुलिस चौकी के सामने दिनांक 23 दिसंबर को हुई आरक्षक की हत्या के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे, हालांकि कोतवाली पुलिस के द्वारा चंद घंटों में ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन आम जनता का कहना था जब शहर में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा? लगातार दमोह जिले में बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं को लेकर भी लोगों में पुलिस के खिलाफ असंतोष था जिसको लेकर हिंदू संगठनों ने दमोह बंद के दौरान एसपी हटाओ दमोह बचाओ के नारे भी लगाए थे, माना जा रहा है कि इन्हीं सब कारणों के चलते सरकार ने एसपी का तबादला कर दिया है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....