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Sat, Dec 20, 2025

MPPSC फूड सेफ्टी ऑफिसर भर्ती परीक्षा: पुराने आवेदन रद्द, पद घटे, उमंग सिंघार ने सरकार पर लगाया युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप

Written by:Shruty Kushwaha
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इस साल के लिए जारी नई अधिसूचना में पदों की संख्या घटाकर 67 कर दी गई है। पिछले साल के नोटिफिकेशन में 120 पद थे और उस समय लगभग एक लाख अभ्यर्थियों से 540 रुपए शुल्क लिया गया था। अब नई अधिसूचना में फिर से आवेदन और शुल्क मांगा गया है, जिससे युवाओं में नाराजगी है।
MPPSC फूड सेफ्टी ऑफिसर भर्ती परीक्षा: पुराने आवेदन रद्द, पद घटे, उमंग सिंघार ने सरकार पर लगाया युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप

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मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने फूड सेफ्टी ऑफिसर भर्ती परीक्षा 2025 को लेकर नई अधिसूचना जारी की है। आयोग ने इस बार कुल 67 पदों पर भर्ती की घोषणा की है, जबकि इससे पहले साल 2024 की अधिसूचना में पदों की संख्या 120 थी। इसके बाद अब कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए इसे युवाओं के भविष्य से मजाक करार दिया है।

इस मामले पर उमंग सिंघार ने कहा है कि ‘ये कैसा सिस्टम है जहां युवा दिन-रात एक कर तैयारी करता है, माता-पिता कर्ज लेकर कोचिंग, किराया और किताबों का खर्च उठाते हैं लेकिन अंत में उनके हाथ लगती है सिर्फ निराशा और एक अनिश्चित भविष्य’।

एमपीपीएससी फूड सेफ्टी ऑफिसर भर्ती के लिए नया नोटिफिकेशन जारी

MPPSC द्वारा फूड सेफ्टी ऑफिसर के 67 पदों के लिए नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इस बार पदों की संख्या घटा दी गई है जबकि पिछले साल जारी नोटिफिकेश में एक सौ बीस पद रखे गए थे। लेकिन इस साल केंद्र सरकार द्वारा पात्रता मानदंडों में संशोधन और कोर्ट के आदेशों के बाद पिछले साल जारी नोटिफिकेशन को  रद्द कर दिया गया। इसे लेकर अब कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है।

उमंग सिंघार ने सरकार को घेरा

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि ‘5.4 करोड़ की फीस वसूलकर प्रदेश के युवाओं के भविष्य से फिर मज़ाक किया गया है। MPPSC ने दिसंबर 2024 में फूड सेफ्टी ऑफिसर के 120 पदों हेतु नोटिफिकेशन जारी कर एक लाख बेरोज़गार युवाओं से करोड़ों रुपये फीस के नाम पर वसूले और फिर एक लाइन की सूचना जारी कर ऐन मौके पर परीक्षा रद्द कर दी। अब जब नई अधिसूचना जारी हुई, तो पदों की संख्या घटाकर 67 कर दी गई और आयोग कह रहा है कि फिर से आवेदन करो, फिर से फीस भरो।’ उन्होंने कहा कि एक तो परीक्षा 17 साल बाद आई और उसमें भी सरकार की लापरवाही ने लाखों युवाओं के सपनों को तोड़ दिया तथा आर्थिक तौर पर भी उन्हें झटका दिया है। सिंघार ने आरोप लगाया कि हर बार की तरह अभी भी जवाब और जिम्मेदार, दोनों गायब हैं।