मुख्यमंत्री के बयान से नाराज हुए नाकेदार और रेंजर, स्टेट फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन ने की ये मांग

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सीएम शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) द्वारा नाकेदार और रेंजर को लेकर दिए एक बयान पर बवाल मच गया है। इस बयान पर स्टेट फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन ने कड़ी नाराजगी जताते हुए मांग की है कि सरकार वन विभाग के मैदानी अमले पर दिए गए बयान को लेकर सफाई दे।

दरअसल 19 सितंबर को मनाए गए वनाधिकार महोत्सव के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के जनजातीय संग्रहालय में अपने वक्तव्य में कहा था कि “नाकेदार और रेंजर वनों में रहने वाले आदिवासी/ग्रामीणों पर अन्याय करते हैं और जबरदस्ती उनके बकरे-मुर्गी उठा लेते हैं। उन्हें प्रताड़ित करते हैं, रेंजर डेंजर हैं।” ऐसा सीएम ने अपने जीवन के किसी वृतांत का उद्धरण देते हुए कहा था। लेकिन इस बयान ने नाकेदार और रेंजर को नाराज कर दिया है और स्टेट फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सीएम शिवराज से सवाल किया है कि यदि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि उनके बयान का आधार क्या है। उन्होने कहा कि आपके पिछले 15 साल के कार्यकाल में क्या ऐसा कोई प्रकरण सामने आया है और अगर ऐसा प्रकरण हुआ है तो उसपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। एसोसिएशन ने कहा है कि वनाधिकार उत्सव में मुख्यमंत्री द्वारा ऐसा कहे जाने से आदिवासियों के मन में वनविभाग के मैदानी अमले के प्रति नफरत की भावना पैदा होगी। इससे वन एवं वन्यप्राणी सुरक्षा भी प्रभावित होगी। इन्होने कहा है कि रेंजर अपने परिवारों से दूर धूप-छांव, बारिश व सर्दी की परवाह न करते हुए वनों की सेवा करते हैं, इस दौरान कई रेंजरों ने अपनी जान भी गंवाई है। मध्यप्रदेश ने एक बार फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त किया है और इसके पीछे भी वनविभाग के मैदानी अमले की मेहनत का बड़ा योगदान है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।