भोपाल।
भारतीय खाद्य एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने राष्ट्रीय दूध गुणवत्ता सर्वे-2018 रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक 1103 शहरों से लिए गए प्रोसेस्ड और खुले दूध के 6432 नमूनों में पैकेट दूध के 37.7% और खुले दूध के 47% नमूने जांच में फेल हो गए । मप्र के 335 नमूने लिए गए थे। इनमें 23 (6.86%) मिलावटी पाए गए।जिसको लेकर सीएम कमलनाथ ने चिंता जाहिर की है। कमलनाथ का कहना है कि आंकड़े बहुत ही चौंकाने वाले है, वर्षों से फैले मिलावट के इस ज़हर को नेस्तनाबूद करने को लेकर व्यापक अभियान सरकार पूर्व से ही निरंतर चला रही है, मिलावटखोरों को क़तई बख़्शा नही जाएगा।
सीएम कमलनाथ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए है। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि एफ़एसएसएआई की राष्ट्रीय दूध गुणवत्ता सर्वे- 2018 की रिपोर्ट बेहद गंभीर व चिंतनीय है।देश भर में दूध में मिलावट के आँकड़े चौकने वाले है। देश में मिलावट का ज़हर स्वस्थ समाज व मानवता को नष्ट कर रहा है।मिलावटखोर समाज व मानवता के दुश्मन , इन्हें क़तई बख़्शा जाना नही चाहिये।
दूसरे ट्वीट में सीएम ने लिखा है कि हम इस रिपोर्ट का व्यापक अध्ययन करेंगे । प्रदेश में मिलावट को लेकर हम पूर्व से ही “शुद्ध को लेकर युद्ध“ अभियान चला ही रहे है। दोषियों पर प्रतिदिन कड़ी कार्यवाही कर रहे है। वर्षों से फैले मिलावट के इस ज़हर को नेस्तनाबूद करने को लेकर व्यापक अभियान सरकार पूर्व से ही निरंतर चला रही है।
वही अपने आखिरी ट्वीट मे कमलनाथ ने लिखा है कि इस अभियान में ओर तेज़ी लाने के निर्देश दिये गये है। मिलावट खोरो के ख़िलाफ़ अभियान सतत जारी रहेगा , कितना भी बड़ा शख़्स हो , मिलावट करने पर उसे बख़्शा नहीं जायेगा। जनता के स्वास्थ्य की रक्षा हमारा प्रमुख ध्येय है और हम इसको लेकर वचनबद्ध है।
गौरतलब है कि भारतीय खाद्य एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय दूध गुणवत्ता सर्वे-2018 रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक 1103 शहरों से लिए गए प्रोसेस्ड और खुले दूध के 6432 नमूनों में पैकेट दूध के 37.7% और खुले दूध के 47% नमूने जांच में फेल हो गए यानी कुल 41 फीसदी। मप्र के 335 नमूने लिए गए थे। इनमें 23 (6.86%) मिलावटी पाए गए। खाद्य अफसरों ने पिछले साल डेयरी फार्म से 51, दूध मंडी से 78 , मिल्क वेंडर से 120, प्रोसेसिंग यूनिट से 18 और रिटेल शॉप से 68 नमूने लिए थे। इनमें सांची, सौरभ और अमूल दूध के सैंपल भी थे। जांच में बालाघाट जिले में सांची दूध की प्रोसेसिंग यूनिट से लिए नमूने में यूरिया, उज्जैन के अग्रवाल जनरल स्टोर से लिए गए सौरभ प्योर दूध के नमूने में एफ्लाटाॅक्सिन और भोपाल, इंदौर और ग्वालियर से लिए अमूल दूध के नमूने में एंटीबायोटिक, टेट्रासाइक्लीन, क्यूनोलोन्स और एफ्लाटॉक्सिन मिला है।
एफ़एसएसएआई की राष्ट्रीय दूध गुणवत्ता सर्वे- 2018 की रिपोर्ट बेहद गंभीर व चिंतनीय।
देश भर में दूध में मिलावट के आँकड़े चौकने वाले।
देश में मिलावट का ज़हर स्वस्थ समाज व मानवता को नष्ट कर रहा है।
मिलावटखोर समाज व मानवता के दुश्मन , इन्हें क़तई बख़्शा जाना नही चाहिये।
1/3— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 19, 2019
हम इस रिपोर्ट का व्यापक अध्ययन करेंगे
प्रदेश में मिलावट को लेकर हम पूर्व से ही “शुद्ध को लेकर युद्ध“ अभियान चला ही रहे है
दोषियों पर प्रतिदिन कड़ी कार्यवाही कर रहे है
वर्षों से फैले मिलावट के इस ज़हर को नेस्तनाबूद करने को लेकर व्यापक अभियान सरकार पूर्व से ही निरंतर चला रही है
2/3— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 19, 2019
इस अभियान में ओर तेज़ी लाने के निर्देश दिये गये है।
मिलावट खोरो के ख़िलाफ़ अभियान सतत जारी रहेगा , कितना भी बड़ा शख़्स हो , मिलावट करने पर उसे बख़्शा नहीं जायेगा।
जनता के स्वास्थ्य की रक्षा हमारा प्रमुख ध्येय है और हम इसको लेकर वचनबद्ध है।
3/3— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 19, 2019