Sun, Dec 28, 2025

आत्महत्या रोकथाम पर केंद्रित राष्ट्रीय मनोरोग सम्मेलन, IAPP मिड-टर्म सीएमई 2025 भोपाल में संपन्न

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट साइक्याट्री द्वारा आयोजित सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य आत्महत्या की रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना था। सम्मेलन में आत्महत्या के कारणों और उनकी रोकथाम पर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की। इसमें देश-विदेश से 45 से अधिक विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया और आत्महत्या पर आधारित वैज्ञानिक पेपर्स और पोस्टर्स प्रस्तुत किए।
आत्महत्या रोकथाम पर केंद्रित राष्ट्रीय मनोरोग सम्मेलन, IAPP मिड-टर्म सीएमई 2025 भोपाल में संपन्न

IAPP conference Bhopal : इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ प्राइवेट साइक्याट्री (आई.ए.पी.पी.) के तत्वाधान में भोपाल के ताज लेकफ्रंट होटल में आयोजित दो दिवसीय मिड-टर्म सीएमई 2025 संपन्न हुई। आत्महत्या जैसी गंभीर समस्या की रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर आधारित इस सी.एम.ई. में दो दिनों में आत्महत्या के कारणों और उनकी रोकथाम से सम्बद्ध विभिन्न पक्षों पर विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से चर्चा की गई ।

रविवार को आयोजित समापन सत्र को इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ प्राइवेट सायक्याट्री के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मृगेश वैष्णव, डॉ निमेष जी देसाई (पूर्व अधीक्षक इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंस दिल्ली), मिड-टर्म सी एम ई की आयोजन समिति के चेयरपर्सन प्रो. डॉ. आर. एन. साहू, पूर्व विभागाध्यक्ष, मनोरोग विभाग, गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल, आयोजन समिति की सचिव डॉ समीक्षा साहू और भोपाल न्यूरो सायक्याट्रिक सेंटर की निदेशक डॉ माया साहू ने संबोधित किया ।

दो दिवसीय मिड-टर्म सीएमई संपन्न

डॉ आर एन साहू ने बताया कि इस सी.एम.ई. का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों में आत्महत्या जैसे बड़ी समस्या के जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया गया और जिसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं । उन्होंने बताया कि आत्महत्या की रोकथाम पर आधारित इस सी एम ई में देश विदेश से 45 से अधिक विषय विशेषज्ञों ने चर्चा की तथा कई साइंटिफिक पेपर्स और पोस्टर्स का प्रस्तुतीकरण किया गया । इस कार्यक्रम में आत्महत्या की सोच वाले लोगों के मस्तिष्क में होने वाले बदलावों और उनको समझने की तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की गई । इसके साथ साथ भारतीय सिनेमा में और भारतीय मीडिया में जिस तरह आत्महत्या को दिखाया बताया जाता है उस पर चर्चा की गई ।

विषय विशेषज्ञों ने साझा किए अपने विचार

दो दिन के कार्यक्रम में वक्ताओं ने विभिन्न मानसिक समस्याओं जो आत्महत्या के पीछे बड़ा कारण बनती हैं उस पर चर्चा की। विशेष तौर पर डिप्रेशन, ओब्सेसिव कंप्लसिव डिसऑर्डर, सायकोसिस, इत्यादि मानसिक बीमारियों और कोटा कोचिंग परिवेश में व अन्य तनाव के कारण उभरने वाली आत्महत्या की सोच पर सत्रों का आयोजन किया गया। बच्चों, किशोरों, LGBTQ+ समुदाय में होने वाली आत्महत्या की समस्या पर भी इस कार्यक्रम में सत्रों के आयोजन हुए । इसके अतिरिक्त कुछ नए विषयों जैसे आत्महत्या रोकने में एआई की भूमिका, आत्महत्या रोकथाम में औषधियों एवं कोगनिटिव बिहेवियर थेरेपी की भूमिका, अकेलापन और आत्महत्या की संवेदनशीलता पर विस्तार से चर्चा की गई । उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 में जारी राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति की अनुशंसाओं को आधार मान कर किया गया था और यह कार्यक्रम आने वाले वर्ष 2030 तक देश में आत्महत्या के मामलों में 10 प्रतिशत से अधिक कमी लाने में सहायक होगा।

IAPP conference Bhopal